लखनऊ स्थित बीबीडी यूनिवर्सिटी का पहला दीक्षांत समारोह सोमवार को आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनके साथ मंच पर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी उपस्थित रहे। संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें चुनौतियों पर नहीं, बल्कि समाधानों की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने से केवल समस्याएँ ही बढ़ती हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश वर्तमान में तीसरे स्थान पर है।
सीएम योगी ने यह भी उल्लेख किया कि जब विश्व महामारी की कठिन परिस्थितियों से जूझ रहा था, उसी समय भारत ने कोविड प्रबंधन के साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का निर्माण भी किया। समारोह में दो बैचों के कुल 5,746 छात्रों को उपाधि प्रदान की गई और पदकों से सम्मानित किया गया।
2017 से पहले यूपी पहचान पर भी था संकट
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश पहचान के संकट से जूझ रहा था। उस समय युवा असहज थे, बेटियाँ और व्यापारी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते थे। नए निवेश की कल्पना भी कठिन थी, बल्कि पहले से निवेश करने वाले उद्यमी भी राज्य छोड़ने लगे थे। जब केंद्र ने ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति की घोषणा की, तब इसे केवल औपचारिक बयान माना जाता था। लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है—होली, दिवाली, दशहरा, रक्षाबंधन, क्रिसमस, ईद और बकरीद जैसे सभी त्योहार शांति और सहजता से मनाए जा रहे हैं।
कानून के अनुपालन को अनिवार्य बनाना पड़ा, और जब कानून-व्यवस्था पर गंभीरता से काम शुरू हुआ तो निवेश अपने-आप बढ़ता चला गया। पहले जहाँ पाँच साल में 50 हजार करोड़ का निवेश जुटाना भी चुनौती था, वहीं अब महज आठ वर्षों में राज्य में 45 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ है।










