छांगुर को लेकर अनिरुद्धाचार्य का भड़काऊ बयान, कहा- इनके 10-10 बच्चे तुम्हारे बच्चों को मारेंगे

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By Saurabh SharmaPublished On: July 17, 2025

उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के मामले में एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) की कार्रवाई तेज हो गई है। मुख्य आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे लगातार पूछताछ जारी है। अब तक की जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। छांगुर पर आरोप है कि वह हिन्दू लड़कियों को बहला-फुसलाकर मुसलमान बना रहा था और उन्हें धर्म बदलने के लिए मजबूर करता था।

एटीएस को यह भी जानकारी मिली है कि छांगुर को विदेशों से फंडिंग मिल रही थी। इसी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसकी संपत्तियों पर छापेमारी शुरू कर दी है। बलरामपुर और मुंबई में कुल 14 जगहों पर छापे मारे जा रहे हैं।

अनिरुद्धाचार्य महाराज का विवादित बयान

इस मामले पर मथुरा के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने छांगुर पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वह हिन्दू लड़कियों को इस्लाम में बदल रहा था। अनिरुद्धाचार्य ने आरोप लगाया कि एक धर्मांतरण की शिकार लड़की ने बताया है कि उनका मकसद है कि 2048 तक भारत को इस्लामिक देश बना दिया जाए। उन्होंने भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि ‘‘उनके यहां 10 बच्चे होते हैं, तुम्हारे यहां 2… समय आएगा तो वो तुम्हारे बच्चों को मारेंगे।’’ अनिरुद्धाचार्य का ये बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इस पर विवाद भी खड़ा हो गया है।

छांगुर की योजना में युवाओं को निशाना

एटीएस की जांच में सामने आया है कि छांगुर खासकर युवाओं को टारगेट कर रहा था। उन्हें पैसे और लालच देकर धर्म बदलने के लिए तैयार किया जा रहा था। उसका नेटवर्क न सिर्फ यूपी बल्कि अन्य राज्यों में भी फैला हुआ था। छांगुर का मुख्य फोकस हिन्दू लड़कियों पर था, जिन्हें पहले प्रेम जाल में फंसाया जाता था और फिर शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन कराया जाता था। जांच एजेंसियां यह भी पता लगा रही हैं कि छांगुर के पीछे और कौन-कौन लोग हैं जो उसे मदद कर रहे थे।

ईडी की बड़ी कार्रवाई, विदेशी फंडिंग की जांच

छांगुर पर मनी लॉन्ड्रिंग यानी धन शोधन का भी केस दर्ज किया गया है। ईडी ने गुरुवार को यूपी और मुंबई में 14 जगहों पर छापेमारी की। बलरामपुर में 12 और मुंबई में 2 ठिकानों पर यह कार्रवाई चल रही है। ईडी को शक है कि छांगुर को विदेशों से पैसे भेजे जा रहे थे, जिनका इस्तेमाल भारत में धर्मांतरण के लिए किया जा रहा था। इस फंडिंग का स्रोत और उसका इस्तेमाल कैसे हुआ, इसकी बारीकी से जांच की जा रही है।