लखनऊ। समय से बिजली का बकाया न देने पर NTPC ने UP की बिजली आपूर्ति ठप किए जाने को लेकर नोटिस दिया था। जिसके बाद अब इसपर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि बकाया भुगतान करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली संकट से नहीं जूझना पड़ेगा। शेड्यूल के मुताबिक प्रदेशवासियों को बिजली मिलती रहेगी। साथ ही सूत्रों की माने तो जल्द बकाया भुगतान करने के प्रति आश्वस्त करते हुए एनटीपीसी से बिजली की आपूर्ति न बंद करने के लिए कहा गया है। 90 हजार करोड़ रुपये के घाटे में चल रहे ऊर्जा विभाग द्वारा बकाया भुगतान करने के लिए जल्द ही वित्तीय संस्थानों से लोन लेने की तैयारी है।
वहीं वित्तीय संकट के संबंध में ऊर्जा मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि गांव के 75 फीसद और शहर के 25 फीसद उपभोक्ता बिल नहीं जमा कर पा रहे हैं। उन्होंने जहां उपभोक्ताओं का आह्वान किया है कि वे समय से बिल जमा करें वहीं पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को निर्देश दिया है कि सही बिल समय से उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जाए। छोटे बकाएदारों की बिजली काटने के बजाए उन्हें बिल जमा करने के लिए प्रेरित किया जाए।
आपको बता दें कि बिजली बनाने वाली प्रमुख सरकारी कंपनी NTPC उत्तर प्रदेश को बिजली देना बंद कर सकती है। NTPC का कहना है कि बार बार नोटिस के बावजूद प्रदेश सरकार ने बकाया बिजली बिल का भुगतान पिछले 45 दिनों से नहीं किया है। ऐसे में उसके समक्ष बिजली काटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। एनटीपीसी तकरीबन 5512 मेगावाट बिजली की आपूर्ति राज्य करती है। राज्य सरकार को नोटिस भेज दिया गया है कि 20 अगस्त को रात 12 बजे के बाद उनकी बिजली काटी जा सकती है। एक बार बिजली आपूर्ति काटने के बाद फिर भुगतान के बाद इसे नियमित करने का प्रावधान है।
कंपनी का कहना है कि उसके तमाम बिजली स्टेशनों से उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन (यूपीपीसीएल) को 2873 करोड़ रुपये की बिजली आपूर्ति की गई है। जिसमें से तकरीबन 919 करोड़ रुपये का भुगतान पिछले 45 दिनों से नहीं किया गया है। माना जाता है कि केंद्र सरकार ने एनटीपीसी व दूसरी सरकारी बिजली कंपनियों को साफ तौर पर कह दिया है कि वह भुगतान न करने वाले राज्यों के खिलाफ जो भी कानून सम्मत कार्रवाई हो वह करें। इस बारे में किसी तरह की राजनीतिक दखलअंदाजी नहीं की जाएगी। यह देश में बिजली सेक्टर की स्थिति को बेहतर करने के लिए जरूरी है।










