ओशो का उपदेश सुनकर दो जिगरी मित्रों ने दी जान, जानें पूरा मामला?

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By Srashti BisenPublished On: May 30, 2024

ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे… उत्तर प्रदेश के जालौन में ऐसे ही दो जीवन भर हंसते-खेलते दोस्त रहे, जिन्होंने न सिर्फ खुशी में बल्कि दुख में भी एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा, उन्होंने एक साथ आखिरी सांस ली। दोनों ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। लेकिन उससे पहले दोनों दोस्तों ने मशहूर दार्शनिक ओशो का प्रवचन सुना था। वे ओशो से काफी प्रभावित थे। अपनी मौत से पहले उन्होंने इंस्टाग्राम पर स्टेटस पोस्ट करते हुए लिखा था, ‘चिता, अंतिम संस्कार।’

‘मौके पर पहुंची पुलिस’

दोनों की मौत की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के बाद शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दो दोस्तों के इस तरह अचानक चले जाने से परिवार में मातम पसर गया है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन दोनों दोस्तों ने आत्महत्या क्यों और किन परिस्थितियों में की। पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ओशो का उपदेश सुनकर दो जिगरी मित्रों ने दी जान, जानें पूरा मामला?

पूरा मामला जालौन के कालपी कोतवाली क्षेत्र का है, जहां अमन वर्मा और बालेंद्र पाल नाम के दो दोस्तों ने एक सुनसान जगह पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इस दुखद घटना में बालेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अमन की हालत बिगड़ने लगी तो फोन कर इसकी जानकारी परिजनों को दी गई। इसके बाद उनके परिजन मौके पर पहुंचे और दोनों को इलाज के लिए कालपी के स्वास्थ्य केंद्र ले गए। लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही अमन की मौत हो गई। दोनों ने एक साथ आखिरी सांस ली।

‘अमन और बालेंद्र जिगरी दोस्त थे’

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और फॉरेंसिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी। जांच में पता चला कि अमन और बालेंद्र जिगरी दोस्त थे। अमन का मेडिकल स्टोर था, वह भी शादीशुदा था। हालाँकि, बालेंद्र अकेला था और हमेशा अपने दोस्त से मिलने आता था।

मामला क्या है?

ये दोनों दार्शनिक ओशो के प्रवचन सुनते थे और उनसे काफी प्रभावित थे। अपनी जिंदगी खत्म करने से पहले दोनों दोस्तों ने अपने मोबाइल पर तीन स्टेटस पोस्ट किए थे, जिससे पता चला कि मरने से पहले वे ओशो के उपदेश सुन रहे थे। जहर खाने से पहले बालेंद्र ने अपने फोन पर जो स्टेटस डाला था उसमें चिता, अंतयात्रा और ओशो की तस्वीरें थीं। उस फोटो में लिखा था ‘मृत्यु सत्य है’