आवक की कमी से तुअर के भाव में हल्का उछाल आया, जानें आज के ताजा मंडी रेट

विशेषज्ञों का कहना है कि तुअर की मांग अगले कुछ हफ्तों तक मजबूत रहेगी। नई फसल आने तक दाम ऊंचे रह सकते हैं। क्या कीमतें जल्द स्थिर होंगी? मंडियों पर सबकी नजरें टिकी हैं!

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Tuar Mandi Bhav: मंडियों में तुअर (अरहर) ने फिर से सुर्खियां बटोरीं। 24 मई 2025 को तुअर के दामों में मामूली उछाल देखा गया, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर चल रहे हैं। कम आपूर्ति और बढ़ती मांग ने तुअर को बाजार में चमकदार बनाए रखा है। आइए, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र के 30 शहरों के ताजा मंडी भाव और इस तेजी की वजहों पर नजर डालें।

उत्तर प्रदेश में तुअर की चमक

उत्तर प्रदेश में तुअर की औसत कीमत ₹13500/क्विंटल रही। लखनऊ में ₹13800, कानपुर में ₹13200, वाराणसी में ₹14000, आगरा में ₹13000, मेरठ में ₹13500, गोरखपुर में ₹13700, आजमगढ़ में ₹12800, अलीगढ़ में ₹13100, प्रयागराज में ₹13600, और बरेली में ₹13300 प्रति क्विंटल का रेट रहा।

मध्य प्रदेश में तुअर का स्थिर रुख

मध्य प्रदेश में तुअर की औसत कीमत ₹13,500 प्रति क्विंटल रही। इंदौर में ₹13,900, भोपाल में ₹13,200, ग्वालियर में ₹13,700, जबलपुर में ₹13,500, रीवा में ₹13,000, सागर में ₹13,800, रतलाम में ₹13,300, नीमच में ₹14,100, मंदसौर में ₹13,100, और देवास में ₹13,500 प्रति क्विंटल का रेट दर्ज हुआ।

राजस्थान में तुअर की हल्की हलचल

राजस्थान में औसत कीमत ₹13400/क्विंटल रही। जयपुर में ₹13800, जोधपुर में ₹13000, उदयपुर में ₹13500, बीकानेर में ₹13200, कोटा में ₹13600, और अलवर में ₹13900 प्रति क्विंटल का रेट रहा। कोटा में मांग ने दामों को हल्का उछाल दिया।

बिहार और महाराष्ट्र में तुअर के भाव

बिहार में औसत कीमत ₹13400/क्विंटल रही। पटना में ₹13700, गया में ₹12900, भागलपुर में ₹13300, मुजफ्फरपुर में ₹13500, दरभंगा में ₹13000, और पूर्णिया में ₹13200 प्रति क्विंटल का भाव रहा। महाराष्ट्र में मुंबई में ₹14000, पुणे में ₹13800, नासिक में ₹13500, नागपुर में ₹14200, औरंगाबाद में ₹13600, और सोलापुर में ₹13300 प्रति क्विंटल दर्ज हुआ।

उछाल की वजह क्या?

तुअर के दामों में यह हल्का उछाल कम फसल और बढ़ती घरेलू मांग से आया है। मंडियों में आवक कम होने से कीमतें ₹12800-₹14500/क्विंटल के बीच रहीं। MSP ₹7500/क्विंटल है, लेकिन बाजार भाव इसके दोगुने से ज्यादा हैं। यह किसानों के लिए फायदे का सौदा है, लेकिन उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ सकता है।