मध्यप्रदेश में इन दिनों मानसून पूरी तरह सक्रिय है। राज्य में स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव होने की वजह से कई जिलों में मूसलाधार बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को मौसम विभाग ने प्रदेश के 26 जिलों में भारी और अति भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। इनमें से 18 जिलों में भारी और 8 जिलों में अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, आने वाले 24 घंटे प्रदेश के लिए काफी अहम रहने वाले हैं क्योंकि लगातार वर्षा का दौर जनजीवन को प्रभावित कर सकता है।
किन जिलों में रहेगा अति भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक, देवास, सीहोर, हरदा, खंडवा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में अति भारी वर्षा के आसार हैं। यहां अगले 24 घंटों में करीब 8 इंच तक पानी गिर सकता है। इसके अलावा इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, आगर-मालवा, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, रायसेन, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला और बालाघाट में भी भारी वर्षा की संभावना है। इन जिलों में 3 से 4 इंच तक बारिश दर्ज की जा सकती है। वहीं भोपाल और जबलपुर सहित कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा का दौर बना रहेगा।
मंगलवार को 25 से अधिक जिलों में बरसी मेघा
मंगलवार का दिन भी बारिश के नाम रहा। पूरे प्रदेश में 25 से अधिक जिलों में वर्षा का असर देखा गया। भोपाल, शिवपुरी और सिवनी में जहां तेज बारिश दर्ज की गई, वहीं दतिया, गुना, ग्वालियर, इंदौर, खरगोन, पचमढ़ी, खजुराहो, मंडला, रीवा, सागर, सीधी, शाजापुर और राजगढ़ जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। लगातार हो रही बारिश से नदियों और बांधों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। तवा डैम के तीन गेट दो-दो फीट तक खोले गए, यह इस मानसून सीजन में दूसरी बार है जब बांध के गेट खोलने पड़े।
मानसून ट्रफ और एक्टिव सिस्टम का असर
मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश से दो ट्रफ लाइन गुजर रही हैं, जिनमें से एक सक्रिय मानसून ट्रफ है। इसकी वजह से मंगलवार को कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। बुधवार को भी यह सिस्टम मजबूत रहेगा और इसके चलते अधिकांश हिस्सों में तेज वर्षा का दौर जारी रहेगा।
बारिश का आंकड़ा औसत से ज्यादा
मध्यप्रदेश में अब तक 38.2 इंच वर्षा दर्ज की जा चुकी है। यह इस सीजन की सामान्य बारिश (31.5 इंच) से करीब 104 प्रतिशत ज्यादा है। सामान्य तौर पर प्रदेश की औसत वर्षा 37 इंच होती है, जबकि पिछले मानसून में 44 इंच से अधिक पानी गिरा था। इस बार गुना जिला बारिश के मामले में सबसे आगे है। यहां अब तक 58.27 इंच पानी दर्ज किया जा चुका है, जो बाकी जिलों की तुलना में सबसे अधिक है।