मध्यप्रदेश में फिर से भारी बारिश का दौर लौटने वाला है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए चेतावनी जारी की है। इस अलर्ट के तहत 15 जिलों में मूसलाधार बारिश की संभावना जताई गई है। इन इलाकों में लगातार तेज बरसात के कारण जनजीवन प्रभावित हो सकता है। मध्यप्रदेश में पिछले कई दिनों से लगातार जारी बारिश का दौर अब थमता नजर आ रहा है। गुरुवार को केवल कुछ ही हिस्सों में तेज बरसात दर्ज की गई। बालाघाट जिले के मलाजखंड क्षेत्र में भारी बारिश हुई, जबकि नर्मदापुरम, नरसिंहपुर और मंडला जिलों में भी मध्यम वर्षा देखने को मिली। राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर जैसे बड़े शहरों में हल्की बौछारों का सिलसिला बना रहा। मौसम विभाग का कहना है कि अभी दो दिन तक प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रहेगा।
नया सिस्टम देगा बारिश की दस्तक
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो प्रदेश में 15 सितंबर से फिर से बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। बंगाल की खाड़ी से उठने वाला नया सिस्टम मध्यप्रदेश की ओर बढ़ेगा। इसके असर से 15 और 16 सितंबर को पूर्वी हिस्सों में भारी से अतिभारी बारिश हो सकती है। इसके बाद 17 सितंबर तक पश्चिमी जिलों में भी मूसलधार बरसात के आसार हैं। यानी आने वाले दिनों में एक बार फिर से मानसून जोर पकड़ सकता है और प्रदेश के कई जिलों में तूफानी बारिश देखने को मिल सकती है।
कई जिलों में बारिश का कोटा पूरा
इस बार मानसून ने प्रदेश के कई हिस्सों में जमकर मेहरबानी दिखाई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच और आगर-मालवा जिलों में सीजन का औसत कोटा पूरा हो चुका है। वहीं श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया जैसे जिलों में बरसात ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कई स्थानों पर बारिश औसत से डेढ़ गुना से भी ज्यादा हो चुकी है।
श्योपुर में रिकॉर्डतोड़ बारिश
सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड श्योपुर जिले में दर्ज हुआ है। यहां अब तक औसत से 213 प्रतिशत अधिक पानी गिर चुका है। इसका असर यह है कि जिले के नदियों और बांधों में पानी भराव क्षमता से अधिक हो गया है। प्रशासन को कई जगह जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति से निपटना पड़ा। हालांकि अब मौसम थोड़ा शांत है, लेकिन नया सिस्टम सक्रिय होने के बाद हालात फिर से चुनौतीपूर्ण बन सकते हैं।
लोगों को मिल सकती है थोड़ी राहत
फिलहाल, प्रदेशवासियों को भारी बारिश से थोड़ी राहत मिली है। जिन जिलों में लगातार बाढ़ और जलभराव की स्थिति बनी हुई थी, वहां अब हालात सुधरने लगे हैं। सड़कें और निचले इलाके धीरे-धीरे पानी से खाली हो रहे हैं। किसानों को भी इस राहत भरे मौसम का लाभ मिल रहा है, क्योंकि अब वे अपनी फसल की देखभाल पर ध्यान दे पा रहे हैं। हालांकि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले हफ्ते से एक बार फिर से तेज बारिश की वापसी होगी, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।