मध्यप्रदेश में इस बार दीपावली (Diwali 2025) पर पटाखों की अनुमति को लेकर कड़े नियम लागू होंगे। जिन शहरों में वायु गुणवत्ता खराब स्तर पर दर्ज की जाएगी, वहां किसी भी तरह के पटाखे चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी। वहीं जिन जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) मध्यम रहेगा, वहां केवल ग्रीन पटाखों की सीमित अनुमति होगी। इसके लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की गाइडलाइन को आधार बनाया गया है। ट्रिब्यूनल ने हाल ही में इस संबंध में आई सभी अपीलें खारिज कर दीं और सुप्रीम कोर्ट ने भी इन नियमों को पैन इंडिया स्तर पर लागू करने का रास्ता साफ कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट संदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2025 में दिए गए आदेश में कहा था कि अगर दिल्ली-एनसीआर के लोगों को स्वच्छ हवा का अधिकार है, तो देश के अन्य शहरों के लोगों को भी यह समान अधिकार मिलना चाहिए। इसलिए पटाखों को लेकर नीति पूरे देश में समान रूप से लागू होनी चाहिए। अदालत ने साफ कर दिया कि प्रदूषण रोकने के लिए जारी दिशा-निर्देशों में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।
मध्यप्रदेश में वर्तमान वायु गुणवत्ता
प्रदेश में फिलहाल कई शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है। जबलपुर के गुप्तेश्वर क्षेत्र में यह 287 दर्ज हुआ है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। सागर में 102, कटनी गोल बाजार में 92, इंदौर की छोटी ग्वालटोली में 91, ग्वालियर में 88, मंडीदीप में 81 और पीथमपुर में 99 दर्ज किया गया है। राजधानी भोपाल का AQI 75 है, जो फिलहाल संतोषजनक श्रेणी में है। विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारों से पहले ही प्रदूषण स्तर बढ़ने लगा है, ऐसे में सावधानी जरूरी है।
जिला प्रशासन को मिले सख्त निर्देश
एनजीटी ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन कराया जाए। इसके लिए सभी कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में नियमित एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। पिछली दीपावली से पहले भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के कलेक्टरों को विशेष रूप से यह जिम्मेदारी दी गई थी। इस बार भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन को मिलकर निगरानी करनी होगी।
इन पटाखों पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध
एनजीटी ने कुछ प्रकार के पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इनमें वे पटाखे शामिल हैं जिनमें बेरियम साल्ट का उपयोग हुआ हो। इसी तरह लड़ी वाले यानी एक साथ जुड़े पटाखों को भी बैन किया गया है। इसके अलावा ऐसे पटाखे जिनके निर्माण में एंटीमनी, लिथियम, मर्करी, आर्सेनिक, लीड या स्ट्रॉशियम क्रोमेट जैसे खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, उन्हें भी प्रतिबंधित किया गया है।
समय और बिक्री पर भी नियंत्रण
पटाखों का ऑनलाइन विक्रय भी इस बार पूरी तरह से बैन रहेगा। साथ ही दीपावली पर पटाखे चलाने का समय भी तय किया गया है। लोग केवल रात 8 बजे से लेकर रात 10 बजे तक ही पटाखे चला सकेंगे। इससे पहले या बाद में पटाखे चलाना प्रतिबंधित होगा। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।