डायल-112 पर भ्रष्टाचार के आरोपों की हकीकत हुई उजागर, सरकार ने रखा पूरे खर्च का ब्यौरा

Author Picture
By Raj RathorePublished On: September 17, 2025

मध्यप्रदेश में हाल ही में शुरू हुई पुलिस की इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम डायल-112 (Dial 112) को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार के आरोप तेजी से वायरल हो रहे हैं। सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि इस योजना में 1500 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इन आरोपों के बीच पुलिस विभाग और सरकार सामने आई है और पूरे मामले पर सफाई दी है।

सोशल मीडिया पर लगाए गए गंभीर आरोप


सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे वीडियो में दावा किया गया कि डायल-112 के लिए खरीदी गई गाड़ियां 30 से 40 लाख रुपए की असल कीमत की होने के बावजूद एक करोड़ रुपए तक में खरीदी गईं। आरोप यह भी लगाया गया कि इन गाड़ियों को वास्तविक दाम से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया है, जिससे करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की आशंका है।

सरकार ने किया दावों का खंडन

सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया और साफ किया कि डायल-112 परियोजना में 1500 करोड़ नहीं बल्कि 972 करोड़ रुपए का टेंडर स्वीकृत हुआ है। सरकार का कहना है कि गलत और भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया पर फैलाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।

बजट का विस्तृत ब्योरा

पुलिस विभाग ने डायल-112 के टेंडर खर्च का पूरा हिसाब सार्वजनिक किया है। अधिकारियों के अनुसार, 972 करोड़ के कुल बजट में से 719.75 करोड़ रुपए का प्रावधान 1200 फर्स्ट रिस्पांस गाड़ियों के संचालन, उनके रख-रखाव और कर्मचारियों के वेतन पर होगा। इसके अलावा, 78.5 करोड़ रुपए स्टेट कमांड सेंटर के संचालन और रखरखाव के लिए निर्धारित किए गए हैं। वहीं, 174 करोड़ रुपए सूचना-प्रौद्योगिकी ढांचे (आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर) जैसे हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, सर्वर और उनके रखरखाव पर खर्च होंगे।

पुलिस विभाग ने बताया गलत प्रचार

पुलिस महकमे ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे सभी दावे गलत हैं। विभाग का कहना है कि डायल-112 का उद्देश्य लोगों को आपातकालीन सेवाएं समय पर और तेज़ी से उपलब्ध कराना है। ऐसे में इस योजना को लेकर फैलाई जा रही झूठी अफवाहें सिर्फ जनता को गुमराह करने का प्रयास हैं।