समाज के दान को किया चकनाचूर, जहां विराजे थे आचार्य विद्यासागर जी उसे बम से उड़ा दिया

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By Akanksha JainPublished On: December 4, 2020

इंदौर। दिगम्बर जैन समाज के जिस संत निवास में आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने सात महीने बिताएं उस बेशकीमती भवन को गुपचुप तरीके से ध्वस्त कर दिया गया।


मामला इंदौर-उज्जैन मार्ग पर स्थिति रेवती रेंज इलाके में स्थित सैकड़ों एकड़ जमीन पर स्थापित भवन का हैं। दयोदय चैरिटेबल ट्रस्ट ने लगभग 2 वर्षों में 24000 वर्ग फुट जगह पर लगभग 4 करोड़ रुपए के खर्च से संत निवास बनवाया जिसमें 30 से अधिक बड़े कक्ष, दो हॉल बनाए गए थे। यह निर्माणकार्य ट्रस्ट ने समाज के दानदाताओं और आम धर्मावलंबियों से सहयोग लेकर करवाया था। इसी सन्त निवास में इस वर्ष आचार्य विद्यासागर जी सहित अनेक मुनिगणों ने मार्च से सितंबर तक का समय व्यतित किया है। इसी भवन के सामने एक ओर भवन बना है जिसमे आचार्यश्री एवं मुनिगणों का आहार होता था, श्रद्धालुओं के भी चौके लगते थे।
ध्वस्त की गई इमारत को रातोरात तोड़ने का फैसला प्रमुख ट्रस्टी सुंदरलाल जैन बीड़ीवाले एवं संजय मैक्स ने बम से ध्वस्त करवा दिया।

समाज के दान को किया चकनाचूर, जहां विराजे थे आचार्य विद्यासागर जी उसे बम से उड़ा दिया
बिल्डिंग को ध्वस्त करवाने के पीछे इन्होंने मास्टर प्लान में गड़बड़ी तो कही वास्तु दोष बताया इसी के साथ कही रेवती माता के प्रकोप की बात भी कही जा रही है।
वरिष्ठ समाजजन डॉ जैनेंद्र जैन इस कार्यवाही का पुरजोर विरोध कर रहे है उनका कहना है कि ‘समाजजनों को अंधेरे में रखकर इतनी बड़ी कार्यवाही करना आपराधिक कृत्य हैं।’

समाज के दान को किया चकनाचूर, जहां विराजे थे आचार्य विद्यासागर जी उसे बम से उड़ा दिया
पिछले 15 दिनों से समाज के व्हाट्सअप्प ग्रुप पर यह खबर आग की तरह फैली हुई है। समाजजनों का कहना है दोषी ट्रस्टियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
रेवती रेंज से विहार करके आचार्यश्री अक्टूबर एवं नवम्बर माह में इंदौर के विभिन्न इलाकों में स्थित जैन मंदिरों में गए थे और पिछले एक सप्ताह से नेमावर तीर्थ में विराजे हुए है। इस मामले में आचार्यश्री की चुप्पी भी रहस्य का विषय बनी हुई हैं। समाज के लोगों का कहना है कि सामाजिक ट्रस्ट के संरक्षक कलेक्टर होते है। बम लगाकर बिल्डिंग तोड़ने की घटना उनके भी संज्ञान में नहीं हैं।।