आज ही के दिन हुई थी कलकत्ता शहर की स्थापना, जाने ब्रिटिशर्स की पहली पसंद क्यों था कोलकाता शहर?

Author Picture
By Rishabh NamdevPublished On: August 24, 2023

24 अगस्त, 1690 को एक महत्वपूर्ण घटना ने नीले गंगा के किनारे एक नये शहर की नींव रखी, जिसने भारतीय इतिहास में एक अद्वितीय स्थान प्राप्त किया। हां, हम बात कर रहे हैं कलकत्ता की, जिसके बाद में नाम बदलकर कोलकाता हो गया।

कलकत्ता की स्थापना का प्रसंग आज भी हमें अपने इतिहास के पन्नों में दिखाई देता है। उस समय मुग़ल साम्राज्य के शासक और महान व्यापारी जाफर खान का आकाशीय इरादा था कि वह एक नये व्यापारिक सेन्टर की स्थापना करें, जिससे की वह अपने व्यापारी महत्वपूर्ण वस्तुओं को दक्षिण एशिया में आसानी से पहुँचा सकें। इसी उद्देश्य से उन्होंने नीले गंगा के किनारे, हुगली नदी के मुख में स्थित क्षेत्र में एक शहर की नींव रखने का निर्णय लिया।

एक नये संग्रहालय का जन्म

कलकत्ता के निर्माण का काम 1690 में आरंभ हुआ और इसके बाद कुछ सालों तक शहर की विकास प्रक्रिया चलती रही। कलकत्ता ने विशेष रूप से व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की, जिससे वह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की मुख्य स्थानीय सत्रह थी।

कोलकाता: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत

कोलकाता ने न केवल व्यापारिक बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहीं से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई और कोलकाता शहर ने भी महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, रवींद्रनाथ टैगोर, और अन्य के साथ एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। कोलकाता का नाम भारतीय इतिहास के पन्नों में स्थान पकड़ चुका है। इस शहर की स्थापना ने एक नये संसार की शुरुआत की थी, जिसके विकास और वृद्धि का परिणाम हम आज भी देखते हैं।