Tej Pratap Yadav : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में सबकी नजरें हॉट सीट बनी महुआ पर है, जहां लालू के बेटे तेजप्रताप यादव लगातार पीछे चल रहे है। यहां NDA के संजय सिंह आगे चल रहे है, उनके बाद दूसरे नंबर पर आरजेडी के मुकेश रौशन है। इस चुनाव का बड़ा चेहरा रहे लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ से चुनाव लड़ने के बावजूद तीसरे स्थान से आगे नहीं बढ़ पा रहे है।
शुरुआत से ही पिछड़ गए थे तेज प्रताप
मतगणना के शुरुआती रुझानों से ही यह साफ हो गया था कि तेज प्रताप यादव के लिए यह लड़ाई आसान नहीं है। पांचवें राउंड तक NDA के संजय सिंह 16,673 वोटों के साथ बढ़त बनाए हुए थे, जबकि RJD के मुकेश रौशन 11,315 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे। उस समय तेज प्रताप महज 3,172 वोटों के साथ चौथे स्थान पर संघर्ष कर रहे थे।
हालांकि, अब वो तीसरे स्थान पर पहुंचने में कामयाब रहे। 14वें राउंड की गिनती पूरी होने पर LJP(R) के संजय सिंह को 48,477 वोट मिले, जबकि RJD के मुकेश रौशन 26,034 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर है वहीं अभी तक सिर्फ 17,436 वोट के साथ तेज प्रताप यादव तीसरे स्थान पर चल रहे है।
पारिवारिक कलह और तेजस्वी फैक्टर
महुआ सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की उम्मीद थी, लेकिन यह RJD और NDA के बीच सीधी लड़ाई में तब्दील हो गया। तेज प्रताप को RJD से छह साल के लिए निष्कासित किए जाने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाकर बगावत का बिगुल फूंका था। उन्होंने बिहार में 43 उम्मीदवार उतारे, जिनका मकसद RJD के यादव-बहुल वोट बैंक में सेंध लगाना था।
वहीं, RJD के उम्मीदवार मुकेश रौशन ने अपने प्रचार में लगातार तेजस्वी यादव के नाम का इस्तेमाल किया। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि अगर वे तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं तो वोट उन्हें ही दें। तेजस्वी खुद पास की राघोपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे हैं। माना जा रहा है कि यादव मतदाताओं ने तेजस्वी के नाम पर RJD के पक्ष में मतदान किया, जिससे तेज प्रताप की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
तेज प्रताप के राजनीतिक भविष्य पर सवाल
चुनाव से पहले तेज प्रताप यादव ने दावा किया था कि वह महुआ सीट जीत रहे हैं। उन्होंने कहा था, “जश्न की तैयारी नहीं, हम काम की तैयारी करते हैं।” लेकिन नतीजों ने उनकी सियासत की दिशा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस करारी हार के बाद उनकी पार्टी और उनके राजनीतिक भविष्य का क्या होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।











