Sarso Mandi Bhav: 19 मई 2025 को सरसों के दामों ने बाजार में तहलका मचा दिया। सरसों के भावों में ₹100 से ₹250 प्रति क्विंटल तक जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई, जिससे किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे। कम पैदावार, तेल उद्योग की लगातार बढ़ती मांग, और सीमित उपलब्धता ने सरसों को इस वक्त मंडियों का सबसे लोकप्रिय और मांग में रहने वाला उत्पाद बना दिया है। आइए, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र के 30 प्रमुख शहरों के ताजा मंडी भावों के साथ-साथ इस तेजी के पीछे के कारणों पर एक नजर डालते हैं।
उत्तर प्रदेश: सरसों का तीखा स्वाद
उत्तर प्रदेश में सरसों की औसत कीमत ₹5700/क्विंटल रही। लखनऊ में ₹5750, कानपुर में ₹5650, वाराणसी में ₹5850, आगरा में ₹5550, मेरठ में ₹5670, गोरखपुर में ₹5800, आजमगढ़ में ₹5500, अलीगढ़ में ₹5600, प्रयागराज में ₹5720, और बरेली में ₹5650 प्रति क्विंटल का रेट दर्ज हुआ। बरेली में मांग की वजह से कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया।

मध्य प्रदेश: मंडियों में सरसों की चमक
मध्य प्रदेश में औसत कीमत ₹5750/क्विंटल रही। इंदौर में ₹5850, भोपाल में ₹5700, ग्वालियर में ₹5800, जबलपुर में ₹5720, रीवा में ₹5650, सागर में ₹5820, रतलाम में ₹5680, नीमच में ₹5900, मंदसौर में ₹5620, और देवास में ₹5750 प्रति क्विंटल का भाव रहा। इंदौर में सरसों ने सबसे ऊंचा दाम छुआ।
राजस्थान: सरसों का दमदार अंदाज
राजस्थान में औसत कीमत ₹5725/क्विंटल रही। जयपुर में ₹5800, जोधपुर में ₹5650, उदयपुर में ₹5750, बीकानेर में ₹5700, कोटा में ₹5770, और अलवर में ₹5850 प्रति क्विंटल का रेट रहा। बीकानेर में बढ़ती मांग ने सरसों की कीमतों को और चमक दी।
बिहार: सरसों का जोशीला जलवा
बिहार में औसत कीमत ₹5650/क्विंटल रही। पटना में ₹5720, गया में ₹5550, भागलपुर में ₹5670, मुजफ्फरपुर में ₹5700, दरभंगा में ₹5600, और पूर्णिया में ₹5650 प्रति क्विंटल का भाव रहा। पूर्णिया में कम आपूर्ति ने दामों को और उछाला।
महाराष्ट्र: सरसों का शानदार प्रदर्शन
महाराष्ट्र में औसत कीमत ₹5800/क्विंटल रही। मुंबई में ₹5950, पुणे में ₹5750, नासिक में ₹5700, नागपुर में ₹6000, औरंगाबाद में ₹5720, और सोलापुर में ₹5650 प्रति क्विंटल का रेट दर्ज हुआ। सोलापुर ने सबसे ऊंचा भाव हासिल किया।
तेजी के पीछे का राज
सरसों की कीमतों में अचानक वृद्धि के पीछे मुख्य कारण कम उपज, बारिश से हुए नुकसान और तेल मिलों की बढ़ती हुई मांग है। मंडियों में सरसों की आवक घटने से भाव ₹5500 से ₹6000 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। यह तेजी किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है, वहीं आम उपभोक्ताओं के लिए महंगाई का दबाव बढ़ता जा रहा है।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि सरसों की मांग अगले कुछ हफ्तों तक मजबूत रहेगी। अगर आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ, तो कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। सरकार मंडियों में स्टॉक बढ़ाने की योजना बना रही है, लेकिन सरसों अभी बाजार की रानी बनी रहेगी। क्या दाम जल्द स्थिर होंगे? यह देखना बाकी है!