रोहित शर्मा ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में मात्र 41 गेंदों में अर्धशतक जमाया। यह पारी खास इसलिए है क्योंकि उन्होंने पहली बार किसी आईसीसी फाइनल में अर्धशतक बनाया है, जिससे यह ऐतिहासिक बन गई। इससे पहले वे किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में यह उपलब्धि हासिल नहीं कर पाए थे। उनके तेजतर्रार अर्धशतक ने टीम इंडिया को फाइनल में शानदार शुरुआत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
आईसीसी फाइनल में रोहित का सफर
रोहित शर्मा ने अपना पहला आईसीसी फाइनल 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में खेला था, जहां उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 16 गेंदों में 30 रन की तेजतर्रार पारी खेली। इसके बाद, 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ वे 14 गेंदों में सिर्फ 9 रन ही बना सके। 2014 के टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने 26 गेंदों में 29 रन जोड़े। 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ वे महज 3 गेंद खेलकर बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए।

रोहित शर्मा ने इसके बाद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के दो फाइनल मुकाबले खेले। 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने पहली पारी में 34 और दूसरी पारी में 30 रन बनाए। वहीं, 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए फाइनल में उन्होंने 15 और 43 रन की पारियां खेलीं। 2023 के वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने तेज शुरुआत की लेकिन 31 गेंदों में 47 रन बनाकर आउट हो गए। टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वे सिर्फ 5 गेंदों में 9 रन ही बना सके।
रोहित का फाइनल में धमाकेदार प्रदर्शन
रोहित शर्मा अपने दमदार प्रदर्शन के लिए आईसीसी टूर्नामेंटों में हमेशा चर्चा में रहते हैं। उन्होंने अपने करियर में कई बार भारतीय टीम को शानदार शुरुआत दिलाई और हर बड़े आईसीसी टूर्नामेंट में जमकर रन बनाए। हालांकि, तेज शुरुआत के बाद बड़ी पारी खेलने की कोशिश में वे अक्सर फाइनल मुकाबलों में चूक जाते थे। 2023 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भी उनसे यही गलती हुई थी, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ दुबई में उन्होंने इस बार समझदारी से बल्लेबाजी की।
इस बार रोहित शर्मा ने आक्रामक शुरुआत तो की लेकिन अपना विकेट सुरक्षित रखा। शुभमन गिल के साथ मिलकर पहले 10 ओवरों में 64 रन जोड़ने के बाद उन्होंने संयमित अंदाज में बल्लेबाजी की। हालांकि, पूरे टूर्नामेंट में वे अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नजर नहीं आए। फाइनल से पहले खेले गई 4 पारियों में उन्होंने केवल 26 की औसत से 104 रन बनाए थे। लेकिन निर्णायक मुकाबले में उन्होंने अपनी सबसे बड़ी पारी खेली, जिससे भारतीय टीम को भी फायदा हुआ।