कोरोना की इस नई लहर से एक बार फिर पुरे देश में तांडव मचा हुआ है, ऐसे में लोगों में एक बार फिर कोरोना को लेकर डर भी बढ़ता जा रहा है, इसी के साथ सभी लोग इससे बचने के लिए हर घरेलू उपाय और नुस्के आजमा रहे है, लेकिन बिना जाने किसी भी चीज़ को करने से उसका उल्टा प्रभाव पढ़ता है, ऐसा ही कुछ तरीका भाप लेने का है, जब से कोरोना आया है तब से के बात लोगों ने मान ली है कि भाप लेने से यह वायरस मर जाता है, और भाप लेने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, इसके लिए आजकल स्टीम इनहेलेशन यानी भाप लेना प्रचलन में है, लेकिन हम आपको बताते है यह नुस्खा कितना कारगर है या फिर नुकसान दायी।
कोरोना के डर से लोग दिन में दो-तीन बार भाप ले रहे है, लेकिन इसका साइड इफ़ेक्ट काफी ज्यादा है, और इस बात की कोई पुष्टि भी न ही है कि भाप लेने से कोरोना वायरस मर जाता है, फिर भी यह प्रचलन चल रहा है, इसके लिए ‘यूनिसेफ इंडिया’ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमे आप देखगे कि पॉल रटर, जो यूनिसेफ साउथ एशिया के रीज़नल एडवाइजर एंड चाइल्ड हेल्थ एक्सपर्ट हैं, वो खुद इस नुस्के के बारे में बता रहे है कि यह कितना गलत है या सही इस वीडियो में बताया गए है कि ”स्टीम से कोविड-19 को खत्म किया जा सकता है इसके कोई साक्ष्य मौजूद नहीं हैं।’
“Can inhaling water vapour lessen the impact of #COVID19?”
A question we’ve heard a lot this year.
The answer may surprise you.#Unite2FightCorona pic.twitter.com/EJtOLUXRKU
— UNICEF India (@UNICEFIndia) April 17, 2021
बता दें कि भाप लेने वाले नुस्के पर यूनिसेफ ने यह भी बताया है कि ”वायरस से बचने के लिए स्टीम लेने का रिजल्ट काफी खराब हो सकता है, और लगातार स्टीम लेने से गले और फेफड़े के बीच की नली में टार्किया और फैरिंक्स जल सकते हैं या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, इतना ही नहीं इससे वायरस के शरीर में जाने का खतरा भी बढ़ सकता है, और साँस लेने में दिक्क्त भी हो सकती है।” सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्टीम लेने का सुझाव WHO यानि कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी नहीं देता है।