जून महीने में ग्रहों की विशेष चाल से दो शक्तिशाली राजयोग भद्र राजयोग और मालव्य राजयोग का निर्माण हो रहा है, जो तीन राशियों के लिए सौभाग्य और सफलता के द्वार खोल सकता है। ये योग न केवल पद-प्रतिष्ठा और धन लाभ का अवसर देंगे, बल्कि करियर और व्यापार में भी महत्वपूर्ण उन्नति के संकेत दे रहे हैं।
6 जून को बुध मीन राशि से निकलकर अपनी ही राशि मिथुन में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे भद्र राजयोग का शुभारंभ हो रहा है, जो 22 जून तक प्रभाव में रहेगा। वहीं, शुक्र 29 जून को अपनी स्वामित्व राशि वृषभ में प्रवेश करेंगे, जिससे मालव्य राजयोग का निर्माण होगा, और यह प्रभाव 25 जुलाई 2025 तक जारी रहेगा। इन दोनों राजयोगों का संयोग इन तीन राशियों को विशेष फल देने वाला है।

मिथुन राशि
भद्र व मालव्य राजयोग मिथुन राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभ साबित हो सकते हैं। आत्मविश्वास बढ़ेगा और कार्यक्षेत्र में सकारात्मक बदलाव होंगे। रुके हुए कामों में गति आएगी और यात्रा के योग भी बन सकते हैं। व्यापार में लाभ के साथ-साथ पार्टनरशिप में सफलता मिलेगी। अविवाहितों को विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं और आकस्मिक धन लाभ की भी संभावना है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को करियर में तरक्की और आर्थिक मजबूती मिलने के संकेत हैं। प्रमोशन और वेतनवृद्धि की संभावनाएं प्रबल हैं। इस समय वाहन या प्रॉपर्टी खरीदने के योग हैं। व्यापारियों को अचानक बड़ा लाभ हो सकता है, और पारिवारिक जीवन में सहयोग व संतुलन बना रहेगा।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए भाग्य का साथ मिलने वाला है। व्यापार में लाभ, नौकरी में प्रमोशन और वेतन वृद्धि के योग बन रहे हैं। विदेश यात्रा या धार्मिक यात्राओं का अवसर मिल सकता है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह समय सफलता लेकर आ सकता है। लंबे समय से रुके काम अब पूरे हो सकते हैं।
भद्र और मालव्य राजयोग कब बनता हैं?
भद्र राजयोग बुध ग्रह से संबंधित पंच महापुरुष योगों में से एक है। जब बुध किसी कुंडली में लग्न या चंद्र से केंद्र (1, 4, 7, 10) स्थान पर मिथुन या कन्या राशि में स्थित होता है, तब यह योग बनता है। यह व्यक्ति को बुद्धिमत्ता, संचार कुशलता, और व्यापार में सफलता प्रदान करता है।
मालव्य राजयोग, शुक्र ग्रह से जुड़ा है और जब शुक्र लग्न या चंद्र से केंद्र स्थान पर वृषभ, तुला या मीन राशि में स्थित होता है, तो यह योग बनता है। यह व्यक्ति को ऐश्वर्य, वैभव, भौतिक सुख-सुविधाएं और आकर्षण प्रदान करता है। हालांकि यदि शुक्र पर सूर्य या गुरु की दृष्टि हो, तो इसका प्रभाव कुछ कम हो सकता है।
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