कोरोना के चलते सुरक्षित सफर के लिए रेलवे प्रशासन की तैयारी शुरू, रेल डिब्बों में किए ये बदलाव

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By Akanksha JainPublished On: July 14, 2020
Indian Railway Recruitment

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए ट्रेनों में सुरक्षित यात्रा की तैयारी में भारतीय रेलवे ने अपनी तरफ से तैयारी शुरू कर दी है। कोरोना की वैक्सीन खोजने में लगे वैज्ञानिकों को सफलता कब और कितनी मिलेगी ये अभी कह पाना मुश्किल है। लेकिन रेलवे ,सफर को सुरक्षित बनाने के लिए वायरस व बैक्टीरिया मुक्त रेल डिब्बों का निर्माण किया जा रहा है। रेलवे की तरफ से बनाए जा रहे डिब्बे संक्रमण मुक्त होंगे, डिब्बों में संक्रमण का खतरा नहीं होगा।

रेल डिब्बों का निर्माण पंजाब के कपूरथला में किया जा रहा है। डोर हैंडल और पानी के नल खोलने क लिए हाथ से छूने की जरूरत नहीं होगी। जिन कोच हैंडलों व सिटकनी को छूने की जरूरत पड़ेगी भी उनके ऊपर कॉपर की परत चढ़ी होगी। माना जा रहा है कि कॉपर पर कोरोना वायरस बहुत देर तक नहीं टिकता है।

और शौचालय में पैर से दबाकर फ्लश चलाने की सुविधा दी गई है। बता दे कि ट्रेन में सफर के दौरान डिब्बे में लगभग हर उस जगह पर ध्यान दिया गया है, जहां यात्री से जाने-अनजाने छू जाता है। उनमें दरवाजे, हैंडल, टॉयलेट सीट, ग्लास विंडो व कप होल्डर आदि है, उन सभी पर टाइटेनियम डाई ऑक्साइड की कोटिंग की गई है।

टाइटेनियम डाई ऑक्साइड वायरस और बैक्टीरियल फंगस की ग्रोथ को खत्म करता है। इससे एयर क्वालिटी भी अच्छी हो जाती है। शौचालय के बाहर लगे वॉश बेसिन पर अब हाथों का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होगी। यहां फुट प्रेस के जरिए ही वाटर टैप या साबुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। और साथ ही टॉयलेट में भी हाथ से वॉटर टैप को छूने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वातानुकूलित सभी डिब्बों में प्लाज्मा एयर प्यूरिफिकेशन का बंदोबस्त किया गया है, जिससे साफ हवा यात्रियों को मिल सके।
भारतीय रेलवे के मुताबिक को कोविड-19 के बाद के दिनों के लिए बनाए जा रहे ऐसे डिब्बों पर लगभग छह से सात लाख रुपये अतिरिक्त खर्च हो रहे हैं। योजना के तहत डिब्बों में ऐसे बदलाव व्यापक स्तर पर किए जाने की योजना है।