सैनिकों की कलाई पर इस बार सजेगी छत्तीसगढ़ की राखी, बहनों ने भेजा स्नेह और सम्मान

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By Raj RathorePublished On: July 22, 2025

रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर महासमुंद की बहनों ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महतारी वंदन योजना की लाभार्थी माताओं-बहनों ने अपने हाथों से राखियां बनाकर देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे वीर सैनिकों को भेजी हैं। इन राखियों के साथ बहनों ने भाव-भीनी पत्र भी भेजे हैं, जिनमें उन्होंने अपने वीर सैनिक भाइयों के प्रति प्यार, सम्मान और आभार व्यक्त किया है।

उल्लेखनीय है कि इस रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जब देश के कोने-कोने से राखियां जाएंगी, तब महासमुंद की ये राखियां सैनिकों के लिए विशेष होंगी। क्योंकि इनमें न सिर्फ धागा है, बल्कि छत्तीसगढ़ की माताओं-बहनों का सच्चा स्नेह और सम्मान भी बंधा है।

महासमुंद शहरी सेक्टर 01 की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती राखी दुबे ने बताया कि यह सिर्फ एक राखी नहीं, बल्कि उस भरोसे का धागा है जो हमें अपने सैनिक भाइयों से जोड़ता है। बहनों ने कहा कि रक्षाबंधन केवल घर में नहीं, बल्कि सीमाओं पर तैनात जवानों के साथ भी मनाया जाना चाहिए, क्योंकि वही असली रक्षक हैं। जब सैनिकों की कलाई पर यह राखी बंधेगी, तो वे भी खुद को अपने परिवार से जुड़ा हुआ महसूस करेंगे।

इस अवसर पर वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद श्री माखन पटेल, पूर्व पार्षद श्रीमती शोभा शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री टी. जटवार, पर्यवेक्षक श्रीमती शीला प्रधान, नगर पालिका की सीओ श्रीमती ममता बग्गा, आंगनबाड़ी सहायिका भानमती साहू, और वीणा महिला समिति की सदस्य श्रीमती सरला वर्मा, अनिता बिसेन सहित कई माताएं और बहनें शामिल रहीं। कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने इस पहल की सराहना की और कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र अब सिर्फ बच्चों की देख-रेख का स्थान नहीं, बल्कि समाज में संवेदनशीलता, देश-प्रेम और संस्कारों का केंद्र बनते जा रहे हैं।