Promotion Pay Scale : शिक्षक कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जिसके बाद अब शिक्षकों को क्रमोन्नति एरियर मिलने का रास्ता साफ हो गया है। जल्दी उन्हें क्रमोन्नति एरियर का भुगतान किया जाएगा।
इस फैसले के बाद एक आंकड़े की माने तो शिक्षकों को 7 लाख से लेकर 18 लाख रुपए तक का फायदा मिलने वाला है। जानकारी में 18 लाख रुपए तक की एरियर राशि उनके खाते में पहुंच सकती है। हालांकि इसकी संख्या काफी कम है लेकिन जो भी शिक्षक ऐसे होंगे, उन्हें 17 से 18 लाख रुपए तक का फायदा होगा।

7 लाख से लेकर 8 लाख तक का फायदा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सवा लाख शिक्षकों को इसका लाभ मिलने वाला है। एसएलपी के खारिज होने के बाद अब शिक्षकों को क्रमोन्नति एरियर देने का फैसला किया है। वहीं एकल क्रमोन्नति पाने वाले शिक्षकों के खाते में भी मोटी राशि मिलने वाली है। उन्हें 7 लाख से लेकर 8 लाख तक का फायदा होगा।
राज्य सरकार की एसएलपी खारिज
दरअसल सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच क्रमोन्नति वेतनमान को लेकर राज्य सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया है। सर्व शिक्षण एलबीएस कल्याण समिति के मुताबिक अधिकांश शिक्षक को क्रमोन्नति वेतनमान मिलेगा। जिसकी संख्या डेढ़ लाख तक होने वाली है। वैसे शिक्षक जिनका नियमितीकरण हुए 10 साल हो गया है। वह सभी क्रमोन्नति वेतनमान के पात्र हैं। जिसके कारण अब राज्य सरकार पर शिक्षकों को एरियर देने के लिए 7500 करोड रुपए की राशि की जरूरत होगी।
राज्य सरकार को बड़ा झटका
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राज्य सरकार को बड़ा झटका लग गया है। शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतन दिए जाने की सूरत में शिक्षा विभाग को अपना आधा बजट सिर्फ एरियर के भुगतान के लिए ही खर्च करना पड़ सकता है। वहीं शिक्षकों को क्रमोन्नति एरियर देना विभाग के लिए बड़ी चुनौती होने वाली है।
ऐसे में अब छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के एरियर भुगतान के लिए सरकार कौन सा कदम उठाती है, यह देखना दिलचस्प होगा। हालांकि पूरा फैसला आने के बाद ही विभाग इस पर कोई टिप्पणी कर सकता है। फिलहाल इस फैसले को चुनौती देने पर विचार किया जा रहा है।
अपनी मांगों को लेकर कर्मी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के शिक्षक कर्मचारियों केआक्रोश को शांत करने के लिए तब की रमन सरकार ने क्रमोन्नति वेतनमान का ऐलान किया था। 2013 में राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि जिन्होंने 10 साल की सेवा पूरी कर ली है। उन्हें क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिया जाएगा लेकिन आंदोलन शांत नहीं हुआ।
जिसके बाद सरकार ने 1 साल के बाद समतुल्य वेतनमान देने का निर्णय लिया और क्रमोन्नति वेतनमान के आदेश को रद्द कर दिया है। हालांकि इस मामले में सोना साहू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सोना साहू के पक्ष में फैसला सुनाया था।
पंचायत विभाग ने इस आदेश के बाद सोना साहू को राशि दे दी लेकिन शिक्षा विभाग ने राशि का भुगतान नहीं किया। जिसके बाद यह मामला लगातार कोर्ट में पहुंच गया था। अब राज्य सरकार द्वारा जारी की गई एसएलपी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जिसके बाद 7 लाख से 18 लाख रुपए तक की एरियर राशि का लाभ शिक्षक कर्मचारियों को मिल सकता है।