गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति मुर्मू ने देश को किया संबोधित, कही ये बड़ी बातें

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By Pinal PatidarPublished On: January 25, 2023

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने देश को संबोधित करते हुए गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर उन्होंने कहा की मैं उन बहादुर जवानों कि विशेष रूप से सराहना करती हूं जो सुरक्षा बल पर तैनात खड़े हैं हमारी देश की रक्षा करते हैं किसी भी त्याग तथा बलिदान के लिए सदैव तैयार रहते हैं देश सुरक्षा प्रदान करने वाले पुलिस और अर्धसैनिक और बहादुर जवानों की भी सराहना करती हूं

हमारे देश का यह 74 वा गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने पहली बार देश को संबोधित किया है। उन्होंने सभी भारतवासियों और विदेश में रहने वाले लोगों को बधाई दी। राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने कहा ,जो हम यह गणतंत्र दिवस मनाते हैं एक राष्ट्र के रूप में हम सबको मिलजुल कर जो उपलब्धियां प्राप्त की है। उनका हम उत्सव मनाते हैं।

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राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा पिछले साल भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गय। यह उपलब्धि आर्थिक अनिश्चितता से भरी पृष्ठभूमि ने प्राप्त की गई है। सक्षम नेतृत्व और प्रभावी संघर्षशील के बल पर हम शीघ्र ही मंदी से बाहर आ गए हैं।और अपनी विकास यात्रा को फिर से शुरू किया।द्रोपति मुर्मू ने विविधताओं के बारे में बात की उन्होंने कहा हम सब एक ही हैं और हम सभी भारतीय हैं इतने सारे पंखों और इतनी सारी भाषाओं ने हमें विभाजित नहीं किया है, बल्कि हमें जोड़ा है। इसलिए हम एक लोकतांत्रिक गणराज के रूप में सफल हुए हैं भारत एक गरीब और निरक्षर राष्ट्र की स्थिति से आगे बढ़ते हुए, आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र का स्थान ले चुका हे।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा ह, कि भारत सौर ऊर्जा बाहन और इलेक्ट्रॉनिक नीतिगत प्रोत्साहन देकर इस दिशा में एक सराहनीय नेतृत्व किया है। हालांकि भारत की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय सहायता के रूप में उन्नत देशों से मदद की जरूरत है। आदिवासी समाज की पहली अध्यक्ष मुर्मू ने कहा कि विकास और पर्यावरण में संतुलन के लिए हमें प्राचीन परंपराओं को नए नजरिए से देखना होगा।महिला तथा पुरुष में के बीच समानता नहीं है। मेरे मन में कोई संदेह नहीं है ,कि महिलाएं ही आने वाले कल की भारत को स्वरूप देने के लिए अधिकतम योगदान देगी।राष्ट्रपति ने कहा सशक्तिकरण की ही दृष्टि अनुसूचित जातियों और जनजातियों सहित कमजोर लोगों के लिए सरकार किसी भी कार्य प्रणाली का मार्गदर्शन करती है