माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) ने फरवरी 2026 में आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के लिए अभी से रणनीति बनाना शुरू कर दी है। मंडल की ओर से सभी प्राचार्यों और जिला शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कमजोर विद्यार्थियों की पढ़ाई को प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए अतिरिक्त कक्षाओं (Extra Classes) की व्यवस्था की जाएगी, ताकि छात्र-छात्राएं अपनी कमियों को दूर कर सकें और अच्छे अंक हासिल कर सकें।
लापरवाह प्राचार्यों और शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि परीक्षाओं की तैयारियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कोई प्राचार्य या शिक्षक जिम्मेदारी निभाने में विफल रहता है तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पिछले साल भी कई स्कूलों के खराब परिणामों के चलते वहां के प्राचार्यों और शिक्षकों की दो वेतनवृद्धियों पर रोक लगा दी गई थी और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
10वीं कक्षा में बेहद खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूल
बीते वर्ष हाईस्कूल (10वीं) की परीक्षा में कुछ स्कूलों का रिजल्ट 30 प्रतिशत से भी कम रहा था। ऐसे स्कूलों में मुरैना जिले के शासकीय हायर सेकंडरी नयापुरा, गोलहारी कैलारस, नागर और सनगोली मुरैना शामिल हैं। इसके अलावा भिंड जिले के सरसई और एक अन्य स्कूल, शिवपुरी, अशोकनगर और श्योपुर जिले का एक-एक स्कूल भी इसमें शामिल है।
12वीं कक्षा में फेल साबित हुए स्कूल
इसी तरह, हायर सेकंडरी (12वीं) की परीक्षा में भी कई स्कूलों का परिणाम बेहद निराशाजनक रहा था। ग्वालियर जिले के शासकीय हाईस्कूल हथनौरा और शासकीय हाईस्कूल लखनपुरा घाटीगांव इसमें शामिल हैं। इसके अतिरिक्त शिवपुरी जिले के पिछोर, पोहरी, अकोड़ा और सोनारी, गुना व अशोकनगर जिले के दो-दो स्कूल तथा भिंड जिले का एक स्कूल भी इस सूची में रहा। कुल मिलाकर, इन स्कूलों का रिजल्ट 0 से 30 प्रतिशत के बीच रहा था।
शिक्षा विभाग की सख्त नीति
शिक्षा विभाग का कहना है कि इस बार न केवल विद्यार्थियों की विशेष कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा बल्कि अध्यापकों की जवाबदेही भी तय की जाएगी। जिन स्कूलों का रिजल्ट लगातार खराब रहता है, वहां कड़े कदम उठाए जाएंगे। विभाग का उद्देश्य है कि आने वाली बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों का प्रदर्शन बेहतर हो और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता में सुधार दिखाई दे।