जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को दिल्ली के तीस जनवरी मार्ग स्थित गांधी स्मृति में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में कहा कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत इन आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। मनोज सिन्हा ने इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का हिस्सा बताया और कहा कि कश्मीर घाटी में अब शांति भंग करने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “कश्मीर की धरती को अब खून से नहीं, विकास से सींचा जाएगा।”
370 हटने के बाद कश्मीर में व्यापक परिवर्तन
उपराज्यपाल ने अपने संबोधन में यह भी जोर देकर कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर ने समावेशी विकास की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है। उन्होंने बताया की अब तक 1.5 लाख करोड़ रुपये की लागत से हाईवे परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। 5000 से अधिक होटल और होमस्टे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए खोले गए हैं। 1013 नए स्टार्टअप लॉन्च किए गए हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या का नेतृत्व स्थानीय महिलाएं कर रही हैं। पर्यटन, बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में तेजी से सुधार देखा गया है। सिन्हा ने यह भी जोड़ा कि आज जम्मू-कश्मीर गांधीजी के ‘शांति के रास्ते’ पर अग्रसर है, जहां प्रशासनिक पारदर्शिता और विकास की समान पहुंच पर बल दिया जा रहा है।
‘शांति की ओर’ कार्यक्रम में मनोज सिन्हा का संबोधन
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री और गांधी स्मृति के उपाध्यक्ष विजय गोयल ने की। इस दौरान मनोज सिन्हा ने गांधी आर्ट गैलरी का भी उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों को जम्मू-कश्मीर में लागू करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा, “कश्मीर की आत्मा में गांधी के आदर्श जीवित हैं। हमें घाटी को हिंसा के अंधेरे से निकालकर शांति, समृद्धि और समावेशी विकास के मार्ग पर ले जाना है।” विजय गोयल ने कहा कि अनुच्छेद 370 का हटना राष्ट्रीय एकता की दिशा में निर्णायक कदम था, जिसने कश्मीर को अलगाववाद के दलदल से निकालकर विकास के पथ पर खड़ा किया।
आतंकवाद पर सख्त रुख, पाकिस्तान को चेतावनी
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब हालात बदल चुके हैं। अब यहां के युवा हथियार नहीं, लैपटॉप और किताबें उठा रहे हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि कश्मीर में गोलियों की जगह विकास की गूंज होनी चाहिए। जो भी घाटी की शांति भंग करने की कोशिश करेगा, उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। पहलगाम हमले के पीछे जिनका भी हाथ है, वो कानून की गिरफ्त से बच नहीं पाएंगे। सिन्हा ने साफ किया कि अब कोई भी आतंकवादी घटना बगैर जवाब के नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे रणनीतिक अभियानों से आतंकियों के मंसूबे पहले से ही ध्वस्त किए जा रहे हैं।
नया कश्मीर एक उम्मीद, एक बदलाव
संपूर्ण कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर को एक नए बदलाव की ओर अग्रसर राज्य के रूप में प्रस्तुत किया गया। उपराज्यपाल ने जहां एक ओर सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश दिया, वहीं दूसरी ओर विकास, रोजगार, और सामाजिक समावेशन को प्रशासन की प्राथमिकता बताया।
उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के अनुसार, आज जम्मू-कश्मीर के युवाओं को देश के बाकी हिस्सों के समान अवसर और सुविधाएं मिल रही हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई पहलगाम हमले के दोषियों को कितनी जल्दी सलाखों के पीछे पहुंचा पाती है और घाटी में विकास की राह कितनी और आगे बढ़ती है।