Prashant Kishor: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना में राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। 150 सीटों के साथ सरकार बनाने का दावा करने वाली उनकी पार्टी ‘जनसुराज’ शुरुआती रुझानों में एक भी सीट पर बढ़त बनाने में नाकाम रही है।
वहीं, दूसरी ओर नीतीश कुमार की JDU 75 सीटों पर आगे चल रही है, जिसने प्रशांत किशोर के राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगा दिया है। तीन साल की कड़ी मेहनत और पूरे बिहार में पदयात्रा के बाद प्रशांत किशोर ने सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन चुनावी नतीजों के रुझान उनकी उम्मीदों के बिल्कुल विपरीत जा रहे हैं।
दावे बड़े, नतीजा सिफर
चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने बेहद आत्मविश्वास के साथ कई बड़े दावे किए थे। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी कम से कम 10 और अधिकतम 150 सीटें जीतेगी। यहां तक कि पीके ने यह भी कहा था कि 120-125 सीटें जीतने को भी वह अपनी हार मानेंगे।
हालांकि, जैसे-जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ रही है, ये सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। शुरुआती कुछ राउंड में जनसुराज के उम्मीदवार 3-4 सीटों पर आगे जरूर चल रहे थे, लेकिन बाद में वे भी पिछड़ गए। फिलहाल पार्टी का खाता खुलना भी एक बड़ी चुनौती नजर आ रहा है।
क्या राजनीति को अलविदा कहेंगे पीके?
इस चुनाव में प्रशांत किशोर ने सिर्फ अपनी पार्टी की जीत का ही नहीं, बल्कि नीतीश कुमार की JDU की बड़ी हार की भविष्यवाणी भी की थी। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर यह चुनौती दी थी कि अगर JDU 25 से ज्यादा सीटें जीतती है, तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
“अगर JDU को 25 से ज्यादा सीटें आईं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।” – प्रशांत किशोर
मौजूदा रुझानों के अनुसार, JDU 75 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जो पीके के दावे से तीन गुना ज्यादा है। ऐसे में अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या प्रशांत किशोर अपने कहे शब्दों पर कायम रहते हुए कोई बड़ा फैसला लेंगे? इन चुनावी नतीजों ने न केवल जनसुराज के भविष्य पर, बल्कि खुद प्रशांत किशोर की राजनीतिक विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।











