कुवैत दौरे पर PM मोदी, 43 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री की यह यात्रा किन मायनों में हैं खास

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By Srashti BisenPublished On: December 21, 2024

PM Narendra Modi Kuwait Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 और 22 दिसंबर को कुवैत के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे। इस यात्रा का महत्व इसलिए है क्योंकि 43 साल बाद यह पहला मौका है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने कुवैत का दौरा किया है। पीएम मोदी का यह दौरा कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निमंत्रण पर हो रहा है।

43 साल बाद भारतीय PM का कुवैत दौरा

भारत और कुवैत के रिश्तों में नया अध्याय लिखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कुवैत पहुंच चुके हैं। यह ऐतिहासिक दौरा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आखिरी बार 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कुवैत गई थीं। इसके बाद 2009 में भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कुवैत का दौरा किया था। अब, प्रधानमंत्री मोदी इस लंबी अवधि के बाद कुवैत में भारतीय समुदाय से मिलने और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए वहां जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का कुवैत दौरे का कार्यक्रम

पीएम मोदी कुवैत पहुंचने के बाद स्थानीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर एक श्रमिक शिविर का दौरा करेंगे। इस दौरे में वह कुवैत में काम करने वाले भारतीय श्रमिकों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद, वह शेख साद अल अब्दुल्लाह इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे, जहां लगभग 4000-5000 भारतीय लोग उनके संबोधन का इंतजार करेंगे।

अगले दिन पीएम मोदी कुवैत के अमीर और क्राउन प्रिंस के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच ऊर्जा, हाइड्रोकार्बन, और व्यापारिक संबंधों पर चर्चा होगी।

कुवैत में लगभग 10 लाख भारतीय लोग रहते हैं, जो वहां के सबसे बड़े विदेशी नागरिक समूह हैं। प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों में न केवल नई ऊर्जा आएगी, बल्कि भारतीय समुदाय को भी उनके समर्थन का अहसास होगा। पीएम मोदी का यह दौरा भारत और कुवैत के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगा।

कुवैत-भारत संबंधों पर चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान ऊर्जा, हाइड्रोकार्बन, और कारोबारी रिश्तों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। खासकर स्थानीय मुद्रा में कारोबार को बढ़ावा देने और दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और गहरा करने के लिए द्विपक्षीय बैठकें आयोजित की जाएंगी।