भारत और नई उभरती हुई विश्व व्यवस्था पर विशेष चर्चा संपन्न

चंडीगढ़ के पी.जी. गवर्नमेंट कॉलेज में 'भारत और नई उभरती हुई विश्व व्यवस्था' विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में प्रमुख कूटनीतिक विशेषज्ञों ने भारत की वैश्विक स्थिति, अमेरिकी नीतियों, अवैध प्रवासन और निर्वासन से जुड़ी आर्थिक चुनौतियों पर अपने विचार साझा किए।

Srashti Bisen
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चंडीगढ़ के P.G. गवर्नमेंट कॉलेज, सेक्टर 11 में ‘भारत और नई उभरती हुई विश्व व्यवस्था’ विषय पर एक प्रभावशाली विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन एलुमनाई एसोसिएशन, पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें प्रमुख कूटनीतिक विशेषज्ञों और पूर्व राजनयिकों ने अपने विचार साझा किए।

महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा

इस कार्यक्रम में भारत की बदलती वैश्विक स्थिति, कूटनीतिक चुनौतियां और अवसरों पर गहन चर्चा की गई। वक्ताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों, चीन की भूमिका, BRICS संगठन, पड़ोसी देशों के साथ संबंध और वैश्विक शक्ति संतुलन जैसे विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।

मुख्य वक्ता:

  •  कंवल सिब्बल – पूर्व विदेश सचिव, भारत सरकार (पद्मश्री)
  • मनबीर सिंह – पूर्व राजनयिक, पूर्व IFS अधिकारी
  • मनिंदर बैंस – प्रेजिडेंट, एलुमनाई एसोसिएशन
  • विनीत नंदा – प्रेजिडेंट, दिल्ली चेप्टर

भारत-अमेरिका संबंधों पर कंवल सिब्बल की टिप्पणी

पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने अमेरिकी नीतियों और उनके भारतीय प्रवासियों पर प्रभाव पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि ट्रंप के खुलासों ने अमेरिका की आंतरिक नीतियों और भ्रष्टाचार को उजागर किया है, जिससे यह साफ हो गया है कि समस्या भारत में नहीं, बल्कि अमेरिका में है।

अवैध प्रवासन और अमेरिका का सख्त रुख

सिब्बल ने अवैध प्रवासन पर भी बात की और बताया कि अमेरिका हमेशा से इस मामले में सख्त रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में महिलाओं और बच्चों को निर्वासन के दौरान हथकड़ी नहीं लगाई जाएगी।

सिब्बल ने भारतीय प्रवासियों के निर्वासन की प्रक्रिया को बेहद महंगा बताया, क्योंकि भारत पर यह प्रक्रिया भारी आर्थिक बोझ डालती है। उन्होंने भारत को अपनी प्रवासन नीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को और मजबूत करने की सलाह दी। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र, शोधकर्ता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में रुचि रखने वाले लोग इस चर्चा में शामिल हुए।