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बदली-बदली नज़र आई महबूबा, अब तिरंगे पर दिया ऐसा बयान

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By Akanksha JainPublished On: November 9, 2020

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख़्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ़्ती ने बीते दिनों तिरंगे को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने बीते दिनों जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग करते हुए कहा था कि, उन्हें उनका अधिकार वापस दिया जाए. आगे महबूबा ने कहा था कि, वे कश्मीर के झंडे के अलावा किसी अन्य झंडे को हाथ नहीं लगाएगी. हालांकि अब महबूबा कुछ बदली-बदली नज़र आई है. इस बार उन्होंने तिरंगा उठाएजाने की बात कही है. हालांकि कश्मीरी झंडे के साथ.

महबूबा मुफ़्ती ने सोमवार को अपने 5 दिवसीय जम्मू दौरे के दौरान कहा कि, ”वह पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का झंडा और तिरंगा एक साथ उठाएंगी. बतौर विधायक उन्होंने प्रदेश के संविधान और भारत की अखंडता एवं संप्रभुता दोनों में ही अपना विश्वास जताया था क्योंकि दोनों ही अविभाज्य हैं.”

बदली-बदली नज़र आई महबूबा, अब तिरंगे पर दिया ऐसा बयान

बता दें कि सोमवार को महबूबा का जम्मू दौरे का अंतिम था. इस दौरान महबूबा ने कहा कि, ‘हम वे लोग हैं, जो कई सालों तक हमारे हजारों कार्यकर्ताओं की जान की कीमत पर तिरंगा झंडा उठाए रहे जोकि शहीद हुए, खासकर कश्मीर घाटी में.’ बता दें कि इस दौरान महबूबा ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी निशाना साधा. हालांकि भाजपा या आरएसएस का नाम लेने से वे बचती नज़र आए. पूर्व सीएम ने कहा कि, ”वे लोग जो हाफ पैंट पहनते हैं और जहां उनके नेता बैठते हैं, वहां (अपने मुख्यालय में) वे तिरंगा नहीं फहराते और हमें राष्ट्रीय ध्वज पर सीख दे रहे हैं.” पीडीपी प्रमुख ने आगे कहा कि, ‘भाजपा सदस्यों समेत हम सभी ने एक शपथ ली कि हम जम्मू-कश्मीर के संविधान में अपना विश्वास रखेंगे और भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखेंगे.”

पहले तिरंगे पर दिया था विवादित बयान…

बता दें कि अपने जम्मू दौरे के अंतिम दिन महबूबा मुफ़्ती बदली-बदली नज़र आई है. आज जहां उन्होंने कश्मीरी और राष्ट्रीय ध्वज एक साथ उठाए जाने की बात कही है तो वहीं बीते दिनों उन्होंने तिरंगे को हाथ न लगाने जैसा विवादित बयान दिया था. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग को लेकर उनका कहना था कि, अगर हमारा अधिकार वापस नहीं दिया जाता है तो मैं कोई चुनाव नही लड़ूंगी और न ही तिरंगा उठाऊंगी. इसके बाद उन्हें जमकर भाजपा के विरोध का सामना करना पड़ा था. भारतीय जनता पार्टी ने पीडीपी कार्यालय पर तिरंगा फहराकर महबूबा को मुंहतोड़ जवाब दिया था.