तेजस्वी या नितीश? किसके हाथों में जाएगी बिहार की कमान, चिराग पासवान बोले, ‘हकीकत से दूर…

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है, जहां चिराग पासवान ने दावा किया कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे और एनडीए 225 से ज्यादा सीटें जीतेगा। उन्होंने तेजस्वी यादव और राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता अब भी लालू यादव के शासनकाल के 'जंगलराज' को नहीं भूली है।

Abhishek Singh
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बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि आगामी चुनाव में नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे और एनडीए 225 से अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगी। उन्होंने विपक्ष, खासकर राजद और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता 90 के दशक के ‘जंगलराज’ और लालू यादव के शासनकाल की यादें अब भी नहीं भूली है।

विपक्ष पर तीखा वार, सपा भी निशाने पर

चिराग पासवान ने सिर्फ राजद ही नहीं, बल्कि अन्य विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (सपा) समेत पूरा विपक्ष सांप्रदायिक तनाव भड़काने में जुटा है। चिराग का कहना था कि विपक्ष अपनी राजनीति को चमकाने के लिए उन मुस्लिम शासकों का महिमामंडन कर रहा है, जिनका इतिहास भारत के लिए विनाशकारी रहा है।

हकीकत से दूर हैं तेजस्वी

चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि वे सरकार बनाने के ख्वाब देख रहे हैं, लेकिन महज सपने देखने से सत्ता नहीं मिलती। उन्होंने लालू यादव के शासनकाल को याद दिलाते हुए कहा कि उस दौर में बिहार अराजकता, अपराध और जातिवाद की चपेट में था, जिससे परेशान होकर हजारों युवा राज्य छोड़ने पर मजबूर हो गए थे। पासवान ने दावा किया कि बिहार की जनता फिर से उस दौर में लौटना नहीं चाहती और आगामी चुनाव में एनडीए को ही भारी समर्थन मिलेगा।

राजनीतिक बयानबाजी ने पकड़ी रफ्तार

बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है। जदयू और राजद के बीच तीखी बयानबाजी जारी है। हाल ही में तेजस्वी यादव ने कहा था कि उन्होंने ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया, जिस पर जदयू ने पलटवार करते हुए दावा किया कि राजनीति में तेजस्वी की एंट्री भी नीतीश कुमार की वजह से ही हुई थी।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच रहेगा। हालांकि, असली ताकत का आकलन जनता के फैसले से ही होगा। फिलहाल, एनडीए की एकजुटता और विपक्षी दलों के अंदरूनी मतभेदों के चलते सत्तारूढ़ गठबंधन को बढ़त मिलती नजर आ रही है।