बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी बीच चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा दावा किया है। पीके ने बुधवार को भविष्यवाणी की कि जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री पद के एक और कार्यकाल की उम्मीद में बाद में अपना पक्ष बदल सकते हैं।
अगर मेरी बात गलत निकली, तो राजनीति छोड़ दूंगा
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पश्चिम चंपारण जिले में कहा कि 74 वर्षीय नेता अब इतने अलोकप्रिय हो चुके हैं कि वे लगातार पांचवीं बार मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे, चाहे वे किसी भी गठबंधन में शामिल हों। किशोर ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव के बाद नवंबर में कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है, लेकिन वह व्यक्ति नीतीश कुमार नहीं होंगे। उन्होंने यह तक कहा कि अगर उनका दावा गलत साबित हुआ, तो वह अपना राजनीतिक अभियान छोड़ने के लिए तैयार हैं और इसे लिखित में देने को भी राजी हैं।

बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे नीतीश कुमार
विधानसभा चुनाव और मुख्यमंत्री पद के दावेदारी को लेकर पूर्व चुनाव रणनीतिकार ने कहा कि नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उन्होंने पहले भी कई बार ऐसा किया है, हालांकि 2025 के चुनाव में स्थिति अलग थी, जब मैंने उनके अभियान की रणनीति बनाई थी।
पीएम मोदी और अमित शाह को खुली चुनौती
प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा कि वे स्पष्ट रूप से घोषणा करें कि यदि एनडीए चुनाव जीतकर सत्ता में आती है तो नीतीश कुमार पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि अगर बीजेपी ऐसा ऐलान करती है, तो उसके लिए चुनाव में सीटें जीतना मुश्किल हो जाएगा।
बीजेपी से चुनाव लड़कर फिर बदलेंगे पाला
किशोर ने भविष्यवाणी की कि जब नीतीश कुमार को एहसास होगा कि बीजेपी उन्हें एक और कार्यकाल के लिए समर्थन नहीं देने वाली, तो वे नया गठबंधन तलाशने की कोशिश कर सकते हैं। हालांकि, जेडीयू की सीटों की संख्या इतनी कम होगी कि उन्हें किसी भी गठबंधन में मुख्यमंत्री पद नहीं मिल पाएगा। उन्होंने कहा की ‘नितीश कुमार जिसका तवा गरम देखते हैं वहीँ अपनी रोटी सेक लेते हैं।’ उनके इस स्वाभाव को अब जनता भी भली भाँती जान गई है।