उत्तर भारत के कई इलाकों में जारी बर्फबारी का असर अब मध्यप्रदेश के मौसम पर भी साफ दिखाई देने लगा है। पिछले दो दिनों से पूरे प्रदेश का मौसम तेजी से बदल रहा है। बुधवार और गुरुवार की रात के बाद से ही ठंड का असर बढ़ गया है। दिन में हल्की धूप के बावजूद रात के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। लोगों ने अब गर्म कपड़े निकालने शुरू कर दिए हैं और सुबह-शाम ठंडी हवाओं का असर महसूस किया जा रहा है।
तापमान में रिकॉर्ड गिरावट
मध्यप्रदेश के लगभग सभी जिलों में रात का पारा 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, राजगढ़ में सबसे ठंडी रात दर्ज की गई, जहां न्यूनतम तापमान मात्र 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। वहीं, इंदौर में तापमान 12.1°C तक पहुंच गया जो नवंबर महीने में पिछले 10 वर्षों में पांचवीं बार इतना कम रहा है। राजधानी भोपाल में भी तापमान में गिरावट जारी है, जिससे सुबह और देर रात की ठंड लोगों को महसूस होने लगी है।
प्रमुख शहरों का तापमान
राज्य के प्रमुख शहरों में रात का तापमान लगातार गिर रहा है। भोपाल में न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस, जबकि इंदौर में 12.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ग्वालियर का तापमान 16.3 डिग्री सेल्सियस, उज्जैन का 14.5 डिग्री सेल्सियस, और जबलपुर का 18.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। इसके अलावा अन्य जिलों में भी पारा नीचे आया है। धार में 14.1 डिग्री, गुना में 14.7 डिग्री, और नौगांव में 15.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इन आंकड़ों से साफ झलकता है कि प्रदेश में अब धीरे-धीरे ठंड ने दस्तक दे दी है। सुबह और रात के समय हवा में ठिठुरन बढ़ गई है, जिससे लोगों ने अब गर्म कपड़े पहनना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, यह गिरावट आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है, जिससे राज्यभर में सर्दी का प्रभाव और गहराएगा।
ठंडी हवाओं ने बढ़ाई सिहरन
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर भारत की पहाड़ियों पर हो रही बर्फबारी के कारण ठंडी हवाएं सीधे मध्यप्रदेश की ओर बह रही हैं। इन उत्तरी हवाओं की वजह से राज्य के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी। आने वाले दिनों में सुबह और रात के वक्त सर्दी और अधिक महसूस होगी, जबकि दिन में हल्की धूप राहत दे सकती है।
फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अगले पांच दिनों तक प्रदेश में कहीं भी बारिश की संभावना नहीं है। फिलहाल किसी भी हिस्से में नमी या बादल नहीं हैं, इसलिए ठंडी और सूखी हवाएं मौसम को और ठंडा बना देंगी। उन्होंने यह भी कहा कि नवंबर के मध्य तक तापमान में 1–2 डिग्री और गिरावट देखने को मिल सकती है।
लोगों को क्या बरतनी चाहिए सावधानी
जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव भी देखने को मिलेगा। डॉक्टरों की सलाह है कि सुबह और रात के समय बाहर निकलते वक्त गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें। बुजुर्ग, बच्चे और अस्थमा या एलर्जी से पीड़ित लोग विशेष सावधानी बरतें। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल यही ठंडी हवाएं दिसंबर के शुरुआती हफ्तों में सर्दी को पूरी तरह स्थिर कर देंगी।










