मध्य प्रदेश शासन ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को एक बार फिर संभागीय स्तर पर अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। इसकी योजना ये हज कि राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं, विकास कार्यों और मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं की बेहतर निगरानी और क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। पहले भी संभागीय स्तर पर अफसरों की तैनाती की गई थी, लेकिन समय के साथ कई अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए, जिससे कई पद रिक्त हो गए थे।
मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं पर होगी सख्त निगरानी
नए आदेशों के तहत इन अधिकारियों को मुख्यमंत्री की प्राथमिक योजनाओं की समीक्षा, प्रगति की निगरानी और फील्ड स्तर पर क्रियान्वयन की गति को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। इन्हें यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे जिलों और राज्य स्तर के अधिकारियों के बीच समन्वय बनाए रखें और किसी भी बाधा का शीघ्र समाधान करें। अफसरों को हर महीने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकास कार्यों की स्थिति की समीक्षा करनी होगी।
नई जिम्मेदारियां किसे सौंपी गईं?
सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय की अनुमति से अधिकारियों का संभागवार आवंटन किया है। इसके अनुसार:
• डॉ. राजेश राजौरा को उज्जैन संभाग,
• शिवशेखर शुक्ला को शहडोल संभाग,
• नीरज मंडलोई को नर्मदापुरम संभाग,
• अनुपम राजन को इंदौर संभाग,
• संजय कुमार शुक्ल को भोपाल संभाग,
• रश्मि अरुण शमी को रीवा संभाग,
• दीपाली रस्तोगी को सागर संभाग,
• अशोक बर्णवाल को ग्वालियर संभाग,
• मनु श्रीवास्तव को चंबल संभाग,
• और संजय दुबे को जबलपुर संभाग का प्रभार सौंपा गया है।
संभागीय समीक्षा की प्रक्रिया होगी व्यवस्थित
इन अधिकारियों की मुख्य भूमिका संबंधित संभागों में चल रही योजनाओं और परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करना है और उनकी प्रगति का मूल्यांकन करना। साथ ही ज़मीनी स्तर पर किसी भी प्रकार की रुकावट या देरी को दूर कराना होगा। उन्हें हर महीने रिपोर्ट तैयार कर उच्च स्तर पर प्रस्तुत करनी होगी, ताकि राज्य शासन के लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से हासिल किया जा सके।