मध्य प्रदेश ने हाल ही में देश और दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। वजह है टेक्सटाइल सेक्टर में हुआ अब तक का सबसे बड़ा निवेश। करीब 12,508 करोड़ रुपये के इस ऐतिहासिक निवेश से न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता के असंख्य अवसर भी पैदा होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की PM MITRA योजना और मुख्यमंत्री मोहन यादव की निवेश नीतियों के संयुक्त प्रयास का यह परिणाम माना जा रहा है।
धार जिले में बनेगा PM MITRA पार्क
धार जिले के बदनावर क्षेत्र में विकसित होने वाला यह PM MITRA पार्क इस निवेश का केंद्र है। लगभग 1,563 एकड़ जमीन पर फैला यह पार्क अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिक तकनीक से लैस होगा। इसे केवल उत्पादन केंद्र के रूप में नहीं, बल्कि इनोवेशन, रिसर्च और स्किल डवलपमेंट हब के रूप में तैयार किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के जरिए मध्य प्रदेश को ‘ग्राम से ग्लोबल’ की यात्रा पर आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
बड़े खिलाड़ी और निवेश का परिदृश्य
इस प्रोजेक्ट में देश की दिग्गज कंपनियां भागीदारी कर रही हैं।
• ट्राइडेंट ग्रुप: 6,500 करोड़ रुपये का निवेश
• अरविंद मिल्स: 4,000 करोड़ रुपये का निवेश
• इंडो रमा: 1,200 करोड़ रुपये का निवेश
• साथ ही अन्य 15 से अधिक कंपनियां भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनेंगी।
इन निवेशों से प्रदेश में 18,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार और उससे कहीं ज्यादा अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने का अनुमान है। खास बात यह है कि अधिकतर नौकरियां ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में उपलब्ध होंगी, जिससे स्थानीय युवाओं और महिलाओं को सीधा लाभ होगा।
क्यों है यह निवेश खास?
यह निवेश केवल आर्थिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि सामाजिक और रणनीतिक रूप से भी खास है।
1. रोजगार की गारंटी – अब प्रदेश के युवाओं को नौकरी की तलाश में महानगरों या अन्य राज्यों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा।
2. ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण – बुनकरों, कतिनों और स्थानीय छोटे कारोबारियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच मिलेगी।
3. मेक इन इंडिया को बढ़ावा – यह प्रोजेक्ट सीधे तौर पर केंद्र की ‘मेक इन इंडिया’ नीति को मजबूती देगा।
4. ग्लोबल प्रतिस्पर्धा – मध्य प्रदेश अब चीन, बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के टेक्सटाइल उद्योग से सीधी प्रतिस्पर्धा करने की स्थिति में होगा।
पार्क की प्रमुख सुविधाएं
PM MITRA पार्क को आधुनिक टेक्सटाइल हब के रूप में तैयार किया जा रहा है। यहां मिलेगी–
• अत्याधुनिक स्पिनिंग और वीविंग यूनिट्स
• डाईंग और प्रोसेसिंग हब
• गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर
• लॉजिस्टिक और एक्सपोर्ट ज़ोन
• स्किल डवलपमेंट सेंटर
सरकार ने उद्योगों को आकर्षित करने के लिए बड़ी सुविधा भी दी है—एक रुपये प्रीमियम पर एक वर्गमीटर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।
सामाजिक और आर्थिक असर
इस निवेश का प्रभाव केवल उद्योग जगत तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि समाज पर भी गहरा असर डालेगा।
• 18,000 प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 50,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां बनने की संभावना है।
• महिलाओं के लिए गारमेंट सेक्टर में बड़े अवसर तैयार होंगे।
• कपास और अन्य फसलें उगाने वाले किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे।
• गांवों से बड़े शहरों की ओर होने वाला पलायन कम होगा और स्थानीय स्तर पर समृद्धि बढ़ेगी।
चुनौतियां भी बड़ी
जहां इतना बड़ा अवसर है, वहीं कुछ गंभीर चुनौतियां भी सामने आएंगी।
• पानी और बिजली की अधिक खपत – टेक्सटाइल उद्योग सबसे ज्यादा पानी और बिजली का उपयोग करता है।
• पर्यावरण प्रदूषण – डाईंग और प्रोसेसिंग यूनिट्स से निकलने वाले रसायन अगर नियंत्रित नहीं हुए तो पर्यावरण पर बुरा असर पड़ सकता है।
• कुशल श्रमिकों की कमी – हाई-टेक मशीनों को चलाने के लिए बड़ी संख्या में स्किल्ड वर्कफोर्स की आवश्यकता होगी।
इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने ग्रीन टेक्नोलॉजी, वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट और स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम की घोषणा की है।
राजनीतिक और रणनीतिक महत्व
यह प्रोजेक्ट केवल औद्योगिक पहल नहीं है बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है। मुख्यमंत्री मोहन यादव का मानना है कि यह पहल मध्य प्रदेश को 2047 तक ‘विकसित भारत विजन’ में अग्रणी बनाने का आधार बनेगी। इससे प्रदेश न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक टेक्सटाइल मैप पर भी मजबूत पहचान बना सकेगा।