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MP Weather Today: प्रदेश के दस जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, पश्चिमी मानसून के पलटवार से 6 दिन और रह सकता है वर्षा का मौसम

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By Pallavi SharmaPublished On: October 6, 2022

मध्य प्रदेश का मौसम फिर एक बार बदला है,अलग-अलग जगह बने तीन सिस्टम यहां के मौसम को प्रभावित कर रहे हैं। इसी वजह से बारिश का सिलसिला शुरू हुआ है। तापमान भी कम हुआ है, अनुमान जताया जा रहा है कि 9 अक्टूबर तक बारिश का सिलसिला बना रह सकता है।

पश्चिम की और बढ़ रहा मानसून

MP Weather Today: प्रदेश के दस जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, पश्चिमी मानसून के पलटवार से 6 दिन और रह सकता है वर्षा का मौसम

अगले 24 घंटों में 10 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मानसून अभी पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है लेकिन पश्चिम से मुड़ने के बाद भी उत्तर-पूर्व की ओर उसका रुख बना हुआ है जबकि दक्षिण भाग में मानसून पूर्व दिशा से आकर दक्षिण राज्यों, महाराष्ट्र मध्य प्रदेश से होते हर गुजरात में होते हुए उत्तर-पूर्व की ओर बह रहा है।

प्रदेश के कई शहरो में होगी बारिश

मौसम केंद्र की रिपोर्ट कहती है कि आज प्रदेश के रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों भारी वर्षा की सम्भावना है, इंदौर, भोपाल, उज्जैन, देवास, धार, झाबुआ, ग्वालियर आदि जिलों में तेज़ वर्षा हो सकती है। अगले 24 घंटों के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि कल दिल्ली से होकर यूपी, बिहार से पूर्व दिशा से गुज़रेगी। इसके प्रभाव से गुजरात और राजस्थान के पूर्वी भागों में भी वर्षा हो सकती है। वर्षा का ये चक्र मध्य प्रदेश में अभी 4 से 6 दिन चल सकता है। कई राज्य बादलों से घिरे रहेंगे।आज तमिलनाडु, आंध्रा, तेलंगाना, कर्णाटक, महाराष्ट्र में भी वर्षा सामान्य से भारी हो सकती है।

मौसम विभाग के आंकड़े

मौसम केंद्र के आंकड़ों की बात करें तो अधिकतम तापमान शहडोल संभाग में गिरा है, शेष प्रदेश में ज्यादा परिवर्तन नहीं रहा। ग्वालियर प्रदेश में सबसे गर्म रहा, यहां 35 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान नर्मदापुरम, भोपाल एवं ग्वालियर संभागों के जिलों में गिरा है। मंडला, नरसिंहपुर, बैतूल, धार, खरगोन में 21 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में एक्टिव है। बंगाल की खाड़ी के आंध्रा तट पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से लेकर उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश तक 3.1 किमी की ऊंचाई तक एक ट्रफ लाइन है। इन तीन सिस्टम का असर प्रदेश पर पड़ रहा है। इसी के असर से प्रदेश में तेज बारिश का सिलसिला शुरू हुआ है।