MP Tourism : मध्य प्रदेश का शहरी हिस्सा जितना आधुनिक और विकसित है, उसका ग्रामीण हिस्सा उतना ही शांत, खूबसूरत और मनमोहक है। यहां के कुछ गांव, जैसे सावरवानी, प्राणपुर और लाड़पुरा, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। ये गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ‘विलेज लाइफ’ का अद्भुत अनुभव देने के लिए प्रसिद्ध हैं। पर्यटक यहां आकर गाँव के शांत माहौल में समय बिताने का लुत्फ उठाते हैं और ग्रामीण जीवन के अनमोल पल महसूस करते हैं।
अब मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम स्थित मढ़ई में हाल ही में 15 नए होम स्टे का शुभारंभ किया गया है, जो पर्यटकों को और भी आकर्षित कर रहा है। ये होम स्टे गांव की असली संस्कृति से जुड़ने का बेहतरीन मौका प्रदान करते हैं, जिससे पर्यटक यहां की सरल और प्राकृतिक जीवनशैली का अनुभव कर सकते हैं।

मढ़ई गांव : नर्मदापुरम का रत्न (MP Tourism)
मध्य प्रदेश के सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में स्थित मढ़ई गांव, अपनी शांतिपूर्ण और आकर्षक प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इसे नर्मदापुरम का “रत्न” भी कहा जाता है। यहाँ के घने जंगल, ऊंचे पहाड़, और सुंदर झरने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। मढ़ई में प्राकृतिक जैव विविधता भी बहुतायत में है, जिससे यह स्थान पर्यावरण प्रेमियों और साहसिक यात्रा के शौकिनों के लिए आदर्श जगह बन गया है।
यहां की हरियाली और शांति, शहर की हलचल से दूर रहकर एक शुद्ध और ताजगी से भरी हवा में सांस लेने का अनुभव देती है। खास बात यह है कि मढ़ई में घूमने का खर्च भी बेहद कम है, जिससे यह गांव बजट ट्रेवलर्स के लिए भी परफेक्ट डेस्टिनेशन बन जाता है।
विलेज लाइफ का होता हैं अनुभव
मढ़ई गांव में पर्यटकों के लिए 15 नए होम स्टे शुरू किए गए हैं। ये होम स्टे खासतौर पर छेड़का, ढाबा और उरदौन गांवों में बनाए गए हैं। इन होम स्टे का उद्देश्य पर्यटकों को ग्रामीण जीवन का असली अनुभव देना है। यह पहल पर्यटकों को यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर, पारंपरिक जीवनशैली और स्थानीय आदिवासी संस्कृति से रूबरू कराती है।
इन्हें चुनने का एक बड़ा कारण यह है कि इन होम स्टे में रहने का खर्च बहुत कम है। इन होम स्टे में रुकने के लिए पर्यटकों को 2,000 से 3,000 रुपये प्रति दिन की दर से चुकाना पड़ता है, जो इस अनोखे अनुभव के लिए बेहद किफायती है।
स्थानीय भोजन एक प्रमुख आकर्षण
इन होम स्टे में ठहरने वाले पर्यटकों के लिए स्थानीय भोजन भी एक प्रमुख आकर्षण है। यहां पर पर्यटकों को मक्के और बाजरे की रोटियाँ, कोदो की खीर, चने की भाजी, और महुए की डुबरी जैसे पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं। यह भोजन पूरी तरह से पारंपरिक स्टाइल में चूल्हों पर पकाया जाता है, जिससे पर्यटकों को एक सच्चा ग्रामीण और सांस्कृतिक अनुभव मिलता है।
इसके अलावा, पर्यटकों को यहाँ चाय और भोजन भी नि:शुल्क दिया जाता है, जिससे उनका अनुभव और भी आरामदायक और सस्ता बन जाता है।
लोकल ट्राइबल ग्रुप द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम
मढ़ई के इन होम स्टे में ठहरने का एक और आकर्षण है रात्रि में आयोजित होने वाले लोकनृत्य। गांव के स्थानीय आदिवासी ट्राइबल ग्रुप द्वारा परंपरागत लोकनृत्य का प्रदर्शन किया जाता है, जिससे पर्यटकों को यहाँ की कला और संस्कृति का गहरा अनुभव होता है। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम न केवल मनोरंजन प्रदान करता है, बल्कि यह पर्यटकों को आदिवासी समाज की जीवनशैली और उनके अनमोल सांस्कृतिक धरोहर से भी परिचित कराता है।
मढ़ई के होम स्टे में आदिवासी समाज पर्यटकों का आतिथ्य और स्वागत बहुत ही गर्मजोशी से करता है। यह आदिवासी समुदाय पर्यटकों को अपने परंपरागत रीति-रिवाजों, कला, और प्रथाओं के माध्यम से अनुभव कराता है, और उनकी यात्रा को यादगार बना देता है।