नवरात्र के पावन अवसर पर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर, मध्य प्रदेश सरकार ने विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति (PVTG) समूह के युवाओं को सरकारी नौकरियों में सीधी नियुक्ति देने का एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। यह कदम इन समुदायों के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा मानवीय प्रयास है।
विशेष पिछड़ी जनजातियों को मिलेगा लाभ
सरकार ने विशेष रूप से बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति के योग्य युवाओं को विभिन्न सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में सीधे नियुक्ति देने का आदेश दिया है। इसका मतलब है कि ये युवा संविदा शाला शिक्षक, तृतीय-चतुर्थ श्रेणी के पद या वनरक्षक जैसे पदों के लिए आवेदन करने पर तय न्यूनतम योग्यता पूरी करने के बाद सीधे नियुक्ति प्राप्त करेंगे, बिना सामान्य चयन प्रक्रियाओं के।
75 जनजातीय समूहों को माना गया कमजोर
मध्य प्रदेश सरकार और अन्य राज्य सरकारों के परामर्श से प्रदेश के 75 जनजातीय समूहों को विशेष रूप से कमजोर समूह के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसी सूची के आधार पर बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों को विशेष पिछड़ी जनजाति समूह में रखा गया है। यह कदम समाज में पिछड़े वर्गों के रोजगार के अवसर बढ़ाने और उनके विकास के लिए उठाया गया है।
नियुक्ति के लिए लागू क्षेत्र और जिलों का विवरण
निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि सहरिया जनजाति के आवेदनकर्ता श्योपुर, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिलों से होंगे। बैगा जनजाति के लिए मंडला, डिंडोरी, शहडोल, उमरिया, बालाघाट और अनूपपुर जिले शामिल हैं। भारिया जनजाति के उम्मीदवारों के लिए छिंदवाड़ा जिले के तामिया ब्लॉक को चिन्हित किया गया है। इन सभी क्षेत्रों के योग्य युवाओं को सीधे भर्ती का लाभ मिलेगा।
विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए पहले से चल रही योजनाएं
इससे पहले, इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए राज्य में कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा था। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार संबंधी विभिन्न योजनाएं शामिल थीं। अब सीधी भर्ती का यह नया निर्णय इनके रोजगार के अवसरों को और मजबूत करेगा और पिछड़े वर्गों को सरकारी नौकरी में बेहतर प्रतिनिधित्व देगा।