मध्य प्रदेश में मानसून की रफ्तार धीमी पड़ गई थी लेकिन फिर बारिश का दौर शुरू होने वाला है। प्रदेश में अगले चार दिन तक तेज बारिश की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, इस समय ऐसा कोई मजबूत सिस्टम सक्रिय नहीं है जो भारी बरसात का कारण बन सके। गुरुवार को प्रदेश के 10 से अधिक जिलों में दोपहर का तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया और शुक्रवार यानि आज भी ऐसा ही मौसम बना रहने के आसार हैं। फिलहाल मौसम शुष्क बना हुआ है और कहीं भी भारी बारिश का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
अब तक सामान्य से अधिक हुई बारिश, लेकिन अगस्त के पहले सप्ताह में दिखा सूखा
मौसम विभाग की रिपोर्ट की मानें तो, अब तक मध्य प्रदेश में औसतन 28.7 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की कुल संभावित बारिश का करीब 77 प्रतिशत है। हालांकि, 1 से 7 अगस्त के बीच मात्र 0.7 इंच वर्षा दर्ज की गई है, जो काफी कम मानी जा रही है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश के किसी भी हिस्से में बारिश नहीं हुई, जिससे खेतों की मिट्टी फिर से सूखने लगी है और तापमान में तेजी से बढ़ोतरी दिखाई दे रही है।
बारिश न होने की वजह: ट्रफ लाइन की गैरमौजूदगी
मौसम विभाग की मानें तो अभी देश में एकमात्र ट्रफ लाइन सक्रिय है, लेकिन उसकी स्थिति मध्य प्रदेश से काफी दूर बनी हुई है। इस वजह से प्रदेश में बरसात की गतिविधियां ठप पड़ी हैं। अगले चार दिनों तक प्रदेश में तेज बारिश की कोई उम्मीद नहीं जताई जा रही है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी या रिमझिम बारिश जरूर हो सकती है, लेकिन यह सामान्य गतिविधियों को प्रभावित करने वाली नहीं होगी।
अगले सप्ताह से फिर बदलेगा मौसम, तेज बारिश के आसार
हालांकि, राहत की बात यह है कि मौसम विभाग ने अगस्त के दूसरे सप्ताह से एक बार फिर तेज बारिश का सिलसिला शुरू होने का अनुमान जताया है। यह वर्षा महीने के आखिर तक जारी रहने की उम्मीद है। यदि ऐसा हुआ तो अगस्त में ही बरसात का कोटा पूरा हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक नया सिस्टम बनने की तैयारी में है, जो मध्य प्रदेश को पुनः सक्रिय वर्षा क्षेत्र में ला सकता है।
कई जिलों ने पहले ही पूरा किया बारिश का कोटा, कुछ अब भी पीछे
मौसम संबंधी आंकड़ों के मुताबिक, ग्वालियर सहित प्रदेश के 9 जिलों में पहले ही पूरे सीजन का वर्षा कोटा पूरा हो चुका है। यानि देखा जाए तो बहुत बारिश हो चुकी है। वहीं दूसरी तरफ इंदौर और उज्जैन संभाग के कई जिले अब भी सामान्य बारिश के स्तर से नीचे हैं। दिलचस्प बात यह है कि पूर्वी मध्य प्रदेश (जबलपुर, सागर, शहडोल, रीवा संभाग) में अब तक औसत से 41% अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जबकि पश्चिमी हिस्से (भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग) में यह 33% ज्यादा है।
7 से 10 अगस्त तक हल्की बारिश का दौर, 11 अगस्त से फिर होगा भारी बारिश का आगमन
मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि 8 अगस्त से 10 अगस्त के बीच प्रदेश में मौसम अपेक्षाकृत शांत रहेगा। इस दौरान हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां कुछ इलाकों में देखने को मिल सकती हैं, लेकिन भारी बारिश की संभावना बहुत कम है। इसके बाद, 11 अगस्त से तेज और व्यापक बारिश की वापसी हो सकती है, जिसके लिए मौसम विभाग ने पहले से ही प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।