25 साल पहले पुतिन से पहली बार मिले थे मोदी, भारत के इस पूर्व प्रधानमंत्री ने कराई थी मुलाकात, देखें फोटो

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By Raj RathorePublished On: December 4, 2025
Narendra Modi

Narendra Modi : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत-रूस शिखर वार्ता में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। अपने इस दौरे में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे। इस हाई-प्रोफाइल यात्रा के साथ ही दोनों नेताओं के बीच लगभग 25 साल पुराने रिश्ते की कहानी एक बार फिर ताजा हो गई है, जब दोनों की पहली मुलाकात हुई थी।

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यह कहानी साल 2001 की है, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के नए-नए मुख्यमंत्री बने थे और वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहे थे। उस समय वह तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ एक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में रूस दौरे पर गए थे।

2001 में हुई पहली मुलाकात

साल 2001 में मॉस्को के क्रेमलिन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत किया गया। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने पहली बार रूस की शक्ति, उसके इतिहास और वैश्विक प्रभाव को इतने करीब से महसूस किया था। यह पुतिन और मोदी की पहली औपचारिक मुलाकात थी। भले ही यह मुलाकात छोटी थी, लेकिन इसने आने वाले दशकों में भारत-रूस संबंधों के एक नए अध्याय और दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत समीकरणों की नींव रख दी थी।

2001 :: Gujarat CM Narendra Modi During Russia Visit as PM Vajpayee and  President Putin Sign Documents

राजनीतिक जानकारों के अनुसार, क्रेमलिन की विशाल लाल दीवारें, भव्य कमरे और गूंजती हुई पुरानी लकड़ी की फर्श को मोदी बहुत ध्यान से देख रहे थे। ऐसा लग रहा था मानो वह उस साम्राज्य की ताकत को समझ रहे हैं, जिसने सदियों तक दुनिया की राजनीति को प्रभावित किया था।

पुतिन का सवाल और मोदी का जवाब

उस संक्षिप्त मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने युवा मुख्यमंत्री मोदी से गुजरात में विकास की संभावनाओं पर कुछ सवाल पूछे। इसके जवाब में मोदी ने सरल लेकिन दृढ़ आवाज में जो कहा, उसने पुतिन को प्रभावित कर दिया।

“भारत के हर राज्य में क्षमता अपार है, बस नेतृत्व ईमानदार और लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए।” — नरेंद्र मोदी (2001 में)

कहा जाता है कि यह जवाब सुनकर पुतिन के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आ गई थी। शायद उन्होंने उसी वक्त अंदाजा लगा लिया था कि यह व्यक्ति भविष्य में एक बड़ा नेता बनेगा।

गुजरात से ली प्रेरणा

उस यात्रा के दौरान मोदी ने सिर्फ राजनीतिक चर्चा ही नहीं की, बल्कि मॉस्को की तकनीक, बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक मॉडल को भी बारीकी से समझा। कई पत्रकारों को याद है कि मोदी अक्सर अपनी नोटबुक में तेजी से कुछ लिखते रहते थे। ऐसा लगता था कि वह रूसी मॉडल से सीखकर गुजरात के विकास का खाका तैयार कर रहे हैं।

मजबूत हुए रिश्ते

उस पहली मुलाकात को अब लगभग 25 साल हो चुके हैं। इन वर्षों में मोदी और पुतिन के रिश्ते कई वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद लगातार मजबूत हुए हैं। आज जब दोनों नेता वैश्विक मंचों पर एक साथ खड़े होते हैं, तो दुनिया उनकी बातों को गौर से सुनती है। यही कारण है कि यूक्रेन संघर्ष के बीच अमेरिका समेत पश्चिमी देश भी मानते हैं कि मोदी-पुतिन की आपसी समझ गहरी है और प्रधानमंत्री मोदी की बात का रूस पर असर हो सकता है।