मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, प्रदेश के इन जिलों में अगले कुछ घंटों में बरसेंगे बादल

Author Picture
By Suruchi ChircteyPublished On: February 1, 2024

Chhattisgarh Weather: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम लगातार रंग बदलते नजर आ रहा है। बता दें छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में आने वाले कुछ दिनों कोहरे के साथ बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है। ऐसे में राजधानी रायपुर संभाग के कुछ जिलों में कही कही बूंदाबांदी होने केआसार है। मौसम विभाग के अनुसार एचपी चंद्रा ने बताया है कि एक द्रोणिका बांग्लादेश से उत्तरी उड़ीसा तक 9km की ऊंचाई पर विस्तारित है।

इसके चलते ही प्रदेश के कुछ शहरों में तेज बारिश होने की आशंका है। बता दें प्रदेश का अधिकतम तापमान में 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ऐसे में प्रदेश के तापमान में कोई ख़ास परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। प्रदेश में दक्षिण क्षेत्र से लगातार हवा आ रही है। ऐसे में पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में हल्का परिवर्तन नजर आएगा।

मौसम विभाग के नियमानुसार छत्तीसगढ़के इन जिले अंबिकापुर सबसे ज्यादा ठंडा रहा। ऐसे में यहां का न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने बताया है कि राजधानी रायपुर, बलौदा बाजार, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद में हल्की बूंदाबांदीहोने की संभावना है। प्रदेश में मौसम फिलहाल ऐसा ही बना रहेगा। एक समय में जब पश्चिम विक्षोभ 4 से 5 बार आता था, लेकिन अब ये 8 से 9 बार आ रहा है। इसी कारण मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है।

फसलों पर मौसम का बड़ा असर

बता दें मौसम विभाग ने कहा कि बीते दिन सुबह से शाम तक राजधानी रायपुर और इसके अलावा अन्य जिलों का मौसम शुष्क बना रहा। हालांकि कई स्थानों में आंशिक बादल छाए रहे। प्रदेश में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है। इस कारण कुछ दिनों से गर्मी को महसूस किया जा रहा है। ऐसे में ठंड केवल सुबह और रात के समय में ही महसूस की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र और शहर के बाहर लोगों को गर्म कपड़े पहनने की जरूरत पड़ रही है।

फसलों पर पड़ेगा प्रभाव

जानकारी के अनुसार आपको बता दें मौसम विभाग ने राजधानी रायपुर में न्यूनतम तापमान 17.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। ये सामान्य तापमान से 2 डिग्री ज्यादा है। ऐसे में इस मौसम का प्रभाव तिलहन, दलहन की फसलों के साथ-साथ सब्जी की फसलों पर भी पड़ेगा। जहां एक ओर कीट प्रकोप का खतरा रहता तो है, तो वहीं दूसरी ओर फसलों के उत्पादन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रदेश में ठंड कम होने की वजह से गेहूं के उत्पादन पर बड़ा असर पड़ सकता है।