नई फसल की आवक बढ़ने से मक्के के भाव में आई स्थिरता, जानें 29 मई 2025 के ताजा मंडी अपडेट

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By Sudhanshu TiwariPublished On: May 29, 2025
Makka Mandi Bhav

Makka Mandi Bhav: मक्के के भाव में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। मंडियों में मक्के की कीमतों को लेकर किसान और व्यापारी नजरें गड़ाए हुए हैं। नई फसल की आवक और मांग में कमी से भाव स्थिर हैं, लेकिन जल्द ही तेजी की उम्मीद है। मक्के की MSP 2400 रुपये प्रति क्विंटल तय होने से बुवाई में 15% बढ़ोतरी की संभावना है। आइए, मक्के के भाव, मंडी रेट और भविष्य की संभावनाओं पर नजर डालें।

मंडियों में मक्के का हाल

मक्के की नई फसल की आवक बढ़ने से मंडियों में भाव 2000-2200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में पिछले हफ्ते 50-70 रुपये की मामूली तेजी आई, लेकिन बड़ा उछाल नहीं दिखा। उत्तर प्रदेश और बिहार में मांग कम होने से भाव स्थिर हैं। व्यापारियों का कहना है कि पोल्ट्री और स्टार्च उद्योग की मांग बढ़ने पर भाव चढ़ सकते हैं।

MSP और बुवाई का असर

केंद्र सरकार ने मक्के की MSP 2400 रुपये प्रति क्विंटल तय की है, जिससे किसानों का रुझान बढ़ा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025-26 में मक्के की बुवाई 15% बढ़ सकती है। इससे भविष्य में कीमतों पर दबाव पड़ सकता है, लेकिन अल्पकाल में मांग बढ़ने से तेजी संभव है। पोल्ट्री फीड की लागत बढ़ने से भी भाव को सहारा मिलेगा।

मांग और आपूर्ति का खेल

पोल्ट्री और स्टार्च उद्योग मक्के की बड़ी खपत करते हैं। मई 2025 में इनकी मांग में कमी से भाव स्थिर रहे। हालांकि, जून में मॉनसून की शुरुआत और त्योहारी सीजन से मांग बढ़ने की उम्मीद है। मध्य भारत की मंडियों में जून के पहले हफ्ते से भाव 2300-2400 रुपये तक पहुंच सकते हैं। किसानों को स्टॉक रखने की सलाह दी जा रही है।

देश की प्रमुख मंडियों में मक्का के रेट

देवास (मध्य प्रदेश): 2100-2150 रुपये/क्विंटल

जयपुर (राजस्थान): 2150-2200 रुपये/क्विंटल

लखनऊ (उत्तर प्रदेश): 2000-2050 रुपये/क्विंटल

पटना (बिहार): 1950-2000 रुपये/क्विंटल

पिछले 15 दिनों में भाव में 30-50 रुपये का बदलाव देखा गया। बड़ी मंडियों में जून से तेजी की संभावना है।

क्या करें किसान?

विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि किसान अभी मक्का स्टॉक करें, क्योंकि जून में मांग बढ़ने से भाव 2400 रुपये तक जा सकते हैं। छोटे किसानों को स्थानीय मंडियों के रेट पर नजर रखनी चाहिए। मॉनसून की बारिश और वैश्विक मांग भी भाव तय करेगी।