Mahashivratri 2024: सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के इन देशों में भी है विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर, शिवभक्तों के लिए बेहद खास

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By Meghraj ChouhanPublished On: March 5, 2024

मार्च माह के शुरू होते ही शिवभक्तों में उत्साह देखा जा सकता है। सभी शिवभक्तों को महाशिवरात्री के पावन पर्व का इंतज़ार है। इस बार महाशिवरात्री का त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा। इस ख़ास मौके पर शिवभक्त अपने देवता महाकाल के मंदिरों में जाकर दर्शन करते, उनकी पूजा-अर्चना कर उनसे आशीर्वाद मांगते है।

भारत में ऐसे कई शिव मंदिर है जो सारी दुनिया में प्रसिद्ध और लोकप्रिय है। भारत में कुल 12 ज्योतिर्लिंग जिनके दर्शन करने भक्त दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आते है। यहां सिर्फ महाशिवरात्रि जैसे पर्व ही नहीं सामान्य दिन में भी काफी भीड़ देखी जा सकती है। हमने देश में तो कई अद्भुत शिव मंदिर देखें है। मगर, आज हम भारत के बाहत कुछ ऐसे शिव मंदिर की बात करेंगे जो विश्व प्रसिद्ध है। हर शिवभक्त को एक बार अवश्य यहां जाना चाहिए।

प्रंबानन मंदिर, इंडोनेशिया
Mahashivratri 2024: सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के इन देशों में भी है विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर, शिवभक्तों के लिए बेहद खास

सिर्फ भारत ही नहीं विश्व के कई देशों में सुन्दर शिव मंदिर स्थापित है। जैसे इंडोनेशिया का प्रंबानन मंदिर अपनी सुन्दर कला के लिए काफी लोकप्रिय है। यह मंदिर 10वीं शताब्दी में बना था। यह प्राचीन शिव मंदिर इंडोनेशिया के जावा में स्थित है। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिवभक्तों का जमावड़ा लगा रहता है।

मुन्नेस्वरम मंदिर
Mahashivratri 2024: सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के इन देशों में भी है विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर, शिवभक्तों के लिए बेहद खास

यह श्रीलंका का प्रसिद्ध शिव मंदिर है। हिन्दू धार्मिक कथाओं के अनुसार इसका इतिहास रामायण काल से जुड़ा है। माना जाता है कि भगवान राम ने रावण का वध करने के बाद इस मंदिर में शिव की पूजा की थी। जिसके कारण भक्तों के बीच इस मंदिर का महत्व बढ़ जाता है। इस मंदिर में कुल 5 मंदिर स्थापित है।

कटासराज मंदिर
Mahashivratri 2024: सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के इन देशों में भी है विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर, शिवभक्तों के लिए बेहद खास

आप जानकार हैरान हो सकते है कि कटासराज मंदिर कोई और मुल्क नहीं बल्कि पाकिस्तान में स्तिथ है। कटासराज मंदिर पकिस्तान में भगवान शिव का मंदिर है। यह मंदिर कटस नाम की एक पहाड़ी पर है, जिसके कारण इसका नाम कटासराज मंदिर है। इसके साथ ही यहां कटासराज सरोवर भी है। माना जाता है कि मां सती की अग्नि समाधि से दुखी शिव के आंसू इस जगह पर गिरे ते।