Ujjain News: मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक अनूठा प्रयोग देखने को मिला, जहां 12वीं कक्षा का टॉपर छात्र साहित्य श्री सेन एक दिन के लिए विधायक बना। आपको बता दें कि यह मौका नागदा विधायक तेज बहादुर सिंह चौहान जी ने 12वीं टॉपर को दिया, वहीं इस खास मौके पर साहित्य श्री सेन ने न केवल जनता की समस्याएं सुनीं, बल्कि 1 करोड़ रुपये की लागत वाले विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण भी किया। यह पहल न सिर्फ शिक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि युवाओं को नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी का अनुभव भी प्रदान करती है।
12वीं के टॉपर को मिला नया रोल
उज्जैन में इस अनोखे आयोजन ने सभी का ध्यान खींचा। 12वीं का टॉपर छात्र साहित्य श्री सेन, जिसने अपनी मेहनत और लगन से शैक्षणिक क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की, उसे एक दिन के लिए विधायक की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान छात्र ने जनसुनवाई में हिस्सा लिया और लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं को समझा। यह अनुभव न केवल छात्र के लिए प्रेरणादायक रहा, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भी उत्साह का माहौल बनाया।

विकास कार्यों को दी नई गति
इस खास दिन पर छात्र ने 1 करोड़ रुपये की लागत वाले विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें स्थानीय स्तर पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाली परियोजनाएं शामिल थीं। इसके साथ ही, छात्र ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुछ लाभार्थियों के लिए घरों का शुभारंभ भी किया। इस पहल ने न केवल विकास को गति दी, बल्कि युवा पीढ़ी को समाज के प्रति जिम्मेदार बनाने का संदेश भी दिया।
जनता ने किया गर्मजोशी से स्वागत
उज्जैन की जनता ने इस युवा टॉपर का विधायक के रूप में खुले दिल से स्वागत किया। लोगों ने इस पहल की सराहना की और इसे एक प्रेरणादायक कदम बताया। स्थानीय निवासियों का कहना था कि इस तरह के आयोजन युवाओं को प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें सामाजिक कार्यों में भाग लेने के लिए प्रेरित करते हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत
यह आयोजन न केवल एक दिन की गतिविधि थी, बल्कि यह युवाओं के लिए एक बड़ा संदेश भी लेकर आया। शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी को समझने का यह अवसर छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करता है। उज्जैन का यह प्रयोग अन्य शहरों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है, जहां मेधावी छात्रों को इस तरह के अनुभव दिए जाएं।
उज्जैन की अनूठी पहल का प्रभाव
इस आयोजन ने न केवल स्थानीय स्तर पर चर्चा बटोरी, बल्कि सोशल मीडिया पर भी यह खबर तेजी से वायरल हुई। लोग इसे युवा सशक्तिकरण और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं। यह पहल निश्चित रूप से अन्य राज्यों और शहरों के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।