एमपी का ये हाईवे बनेगा फोरलेन, प्रभावित गांवों में जमीन की खरीद-बिक्री पर लगी रोक

मध्यप्रदेश में रीवा-सीधी दो लेन राजमार्ग को फोरलेन में बदलने की योजना को मंजूरी मिल गई है। परियोजना के तहत रीवा जिले के कई गांवों में जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाई गई है और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस फोरलेन हाईवे से क्षेत्र की कनेक्टिविटी और आवागमन में सुधार होगा।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश राज्य में सड़क यातायात को बेहतर बनाने के उद्देश्य से रीवा से सीधी को जोड़ने वाले वर्तमान दो लेन राजमार्ग को फोरलेन हाईवे में बदला जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा प्रस्तावित इस परियोजना को केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। पूर्व में प्रस्तावित रीवा बायपास को हटाकर अब पहले से बनी टू-लेन सड़क को चौड़ा कर चार लेन में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रभावित गांवों में जमीन की खरीद-बिक्री पर लगी रोक

इस फोरलेन हाईवे परियोजना के निर्माण की प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए रीवा जिले की गुढ़ तहसील के तहत आने वाले कई गांवों में जमीन की खरीद-फरोख्त, बटांकन और डायवर्जन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। जिन प्रमुख गांवों में यह प्रतिबंध लागू हुआ है, उनमें पकरा, बंजारी, मुडिया, नारायणपुर, गांजर, पड़ेरुआ, अमिलिहा, बरिगवां, खड्डा, उमरी (अवधेशपुर), रीठी, महसांव, पुरास, बदवार, बरसैतादेश, बड़ागांव, भीटी, गेरुई, भटिगवां, गुढ़वा और हटवा शामिल हैं। यह रोक परियोजना कार्य शुरू होने से करीब छह महीने पहले ही लागू कर दी गई थी, ताकि भविष्य में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में किसी प्रकार की अड़चन न आए।

सड़क चौड़ीकरण के लिए होगा भूमि अधिग्रहण

रीवा-सीधी फोरलेन हाईवे के निर्माण के तहत सड़क के दोनों ओर की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। कुछ क्षेत्रों में केवल एक तरफ की जमीन अधिग्रहित की जाएगी, जबकि कई स्थानों पर सड़क के दोनों ओर समान रूप से जमीन ली जाएगी। इस अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत किसानों को मुआवजा भी दिया जाएगा। सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है और संबंधित गांवों को सूचित किया गया है।

फोरलेन हाईवे से बढ़ेगी कनेक्टिविटी और आवागमन होगा सुगम

इस फोरलेन हाईवे के निर्माण से रीवा और सीधी जिलों के बीच सड़क संपर्क और भी बेहतर होगा। न केवल यात्रियों को आसान और सुरक्षित यात्रा का लाभ मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय व्यापार और परिवहन व्यवस्था को भी नई गति मिलेगी। दर्जनों गांवों के निवासियों को रोजगार, व्यवसाय और सुविधा की दृष्टि से इस परियोजना से सीधा लाभ मिलेगा।