डर और धोखे का तंत्र, पूजा नहीं कराई तो चली जाएगी जान, मौत से डराकर महिला से ठगे 40 लाख, 3 आरोपी गिरफ्तार

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By Abhishek SinghPublished On: June 23, 2025

भोपाल क्राइम ब्रांच ने तंत्र-मंत्र के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन लोगों ने एक महिला को यह कहकर डराया कि यदि पूजा नहीं कराई गई तो उसकी मौत हो सकती है, और इसी डर का फायदा उठाकर उससे करीब 40 लाख रुपये ठग लिए। महिला की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी अंकित सिंह के साथ उसके दो सहयोगी मोहित और सनी अवस्थी को भी हिरासत में लिया है।


क्राइम ब्रांच के मुताबिक पीड़िता भोपाल निवासी है, जिसने शिकायत दर्ज कराई कि एक व्यक्ति ने उसे पूजा न कराने पर माता-पिता और भाई की मृत्यु का भय दिखाकर 20 लाख रुपये नकद और लगभग 20 लाख रुपये के सोने-चांदी के गहने ठग लिए। शिकायत मिलते ही पुलिस ने हुलिए के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। यह घटना करीब एक सप्ताह पहले की है। शनिवार देर शाम क्राइम ब्रांच ने अशोका गार्डन इलाके में घेराबंदी कर मुख्य आरोपी अंकित सिंह को गिरफ्तार कर लिया। मामले में आगे कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी के मकान मालिक सनी अवस्थी और अंकित के मामा मोहित सिंह को गुजरात के कच्छ से गिरफ्तार कर भोपाल लाया है।

कागजों की पड़ताल से सामने आए ठगी के नए पहलू

पुलिस को जांच के दौरान ठग गिरोह के पास से महिला के साथ हुए लेनदेन के पुख्ता सबूत मिले हैं, जिनमें नकद के साथ-साथ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के रिकॉर्ड भी शामिल हैं। इस ठगी में मुख्य आरोपी अंकित सिंह का भाई आसू सिंह और उसका सहयोगी लकी पाण्डेय कुछ नकदी और सोने के गहने लेकर फरार हो गए हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।

मुख्य आरोपी 25 वर्षीय अंकित सिंह उत्तर प्रदेश के बलिया का निवासी है और एक प्राइवेट नौकरी करता है, जबकि उसका मामा मोहित सिंह, जो बलिया से ही है, वर्तमान में गुजरात के कच्छ में फल का ठेला लगाता था। अंकित का मकान मालिक सनी अवस्थी भोपाल में निजी नौकरी करता है और उसी ने अपने पहचान पत्र पर दोनों कंपनियों के गहने गिरवी रखवाए थे।

ठगों का साथ देता रहा मकान मालिक, बैंक में रखवाए जेवर

पुलिस पूछताछ में यह सामने आया है कि मुख्य आरोपी अंकित सिंह ने महिला से ठगे गए गहनों को अपने मकान मालिक सनी अवस्थी के माध्यम से IDFC और IIFL गोल्ड लोन कंपनियों में गिरवी रखा था। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि सनी अवस्थी इस पूरे गिरोह में सक्रिय रूप से शामिल था और उसकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है।