आज भोपाल में सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट का होगा आगाज, अब किसान भी कर सकेंगे बिजली का उत्पादन

भोपाल में आयोजित "सूर्य मित्र कृषक फीडर योजना समिट" का उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन में भागीदार बनाना है। इस योजना से उन्हें वित्तीय लाभ, दिन में सिंचाई के लिए बिजली और अतिरिक्त आमदनी के अवसर मिलेंगे, जिससे ग्रामीण विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आज “सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट” का आयोजन हो रहा हैं। इस समिट का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किया गया।

सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक चलने वाले इस समिट का मुख्य उद्देश्य कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने की दिशा में विस्तारपूर्वक जानकारी और योजना की प्रक्रिया को साझा करना है।

अब किसान भी कर सकेंगे बिजली का उत्पादन

इस योजना के तहत प्रदेश के छोटे निवेशकों और किसानों को सौर ऊर्जा क्षेत्र में भागीदारी का अवसर मिलेगा। अब किसान केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक की भूमिका में भी आ सकेंगे। योजना के अंतर्गत ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से बिजली देने के लिए फीडर स्तर पर सौर संयंत्र लगाए जाएंगे। इससे न केवल सिंचाई के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय का साधन भी मिलेगा।

तकनीकी व वित्तीय पहलुओं पर होगी गहन चर्चा

समिट में शासकीय संस्थाओं द्वारा अपनाई जा रही स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रियाओं (SOP) की विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। साथ ही बैंक प्रतिनिधियों और इन्वर्टर उत्पादक कंपनियों के साथ तकनीकी व वित्तीय व्यवस्थाओं पर संवाद होगा। इस योजना से न केवल बिजली की लागत में कमी आएगी, बल्कि ट्रांसमिशन में होने वाले नुकसान को भी कम किया जा सकेगा। सबसे बड़ी बात, बिजली खपत स्थल तक सीधी पहुंच बनाना अधिक सरल होगा।

योजना के प्रमुख लाभ व उद्देश्य

  • 33/11 केवी सब-स्टेशनों की ओवरलोडिंग और लो वोल्टेज की समस्याओं को कम करना।
  • किसानों को दिन के समय सिंचाई के लिए स्थायी विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना।
  • विद्युत उपकेंद्रों की पूरी क्षमता तक सौर परियोजनाएं स्थापित करना।
  • ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत स्थानीय उद्यमियों को निवेश व रोजगार के अवसर प्रदान करना।

पीएम कुसुम योजना से मिलेगा केंद्र सरकार का समर्थन

यह योजना प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत आती है, जिसके अंतर्गत किसानों को केंद्र सरकार की ओर से अनुदान प्राप्त होगा। इसका लक्ष्य है कि 3.45 लाख कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाए। वर्तमान में राज्य के 1900 से अधिक सब-स्टेशनों पर 14,500 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए निविदाएं जारी की जा चुकी हैं।

किसानों की बढ़ेगी आमदनी

इस योजना में किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए बैंकों के साथ समन्वय किया जा रहा है। इसके अलावा, एग्रीकल्चर इन्फ्रा फंड के अंतर्गत किसानों को 7 वर्षों तक 3% ब्याज की छूट भी दी जाएगी। योजना में ‘रिएक्टिव पावर’ के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित करने की संभावना भी जोड़ी गई है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ सके।

स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा

सूर्य मित्र कृषक फीडर योजना सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव की शुरुआत नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण और स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास की एक सशक्त योजना है। इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा।