सात साल का इंतजार, शिक्षक भर्ती अब भी अधूरी, उम्र की सीमा लांघते अभ्यर्थी

Abhishek Singh
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मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग भले ही लगातार स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के दावे कर रहा हो, लेकिन हकीकत यह है कि हजारों पात्र अभ्यर्थी वर्षों से नियुक्ति की राह देख रहे हैं। काउंसलिंग में देरी के चलते अब कई उम्मीदवार ओवरएज हो रहे हैं। इन अभ्यर्थियों ने सात साल पहले शिक्षक बनने का सपना देखा था।

दरअसल, कर्मचारी चयन बोर्ड ने वर्ष 2018 में स्कूल शिक्षा विभाग के लिए उच्च माध्यमिक शिक्षक के 17 हजार पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। हालांकि, कोरोना काल के कारण प्रक्रिया में देरी हुई और अक्टूबर 2021 में ही इसे आगे बढ़ाया गया। लेकिन सेकंड काउंसलिंग के बाद बाकी बचे पदों पर अब तक कोई काउंसलिंग नहीं हुई। थर्ड काउंसलिंग की मांग को लेकर अभ्यर्थी कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं, मगर अब तक समाधान नहीं मिला। कई बार प्रदर्शन भी हो चुके हैं और अब एक बार फिर अभ्यर्थी 10 जुलाई, गुरु पूर्णिमा के दिन आंदोलन की तैयारी में हैं।

सुनवाई नहीं, आंदोलन ही सहारा

पात्रता परीक्षा संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल रविदास ने बताया कि वर्ष 2018 की उच्च व माध्यमिक शिक्षक भर्ती में पहली और दूसरी काउंसलिंग के बाद भी माध्यमिक स्तर पर 2,237 और उच्च माध्यमिक स्तर पर 5,935 पद अब तक खाली हैं। इन पदों पर तृतीय काउंसलिंग अब तक प्रारंभ नहीं की गई है, जिसके कारण अभ्यर्थियों को बार-बार विरोध प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ रहा है। पहले यह प्रदर्शन 18 जून को तय था, लेकिन भीषण गर्मी और मौसम परिवर्तन के कारण अब इसे 10 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।

न्यायिक आदेशों की अनदेखी, अभ्यर्थी हताश

शिक्षक बनने की आस में वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे ये उम्रदराज अभ्यर्थी अब सब्र खोते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि यदि समय रहते उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे 10 जुलाई को राजधानी भोपाल में हजारों की संख्या में अनुशासित ढंग से बड़ा प्रदर्शन करेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी, क्योंकि हाल ही में हाईकोर्ट द्वारा 2018 की स्थाई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग और राज्य सरकार की उदासीनता के कारण ये अभ्यर्थी अब भी अनिश्चितता की स्थिति में फंसे हुए हैं।