नशे की हालत में माता के मंदिर पहुंचे थे विधायक पुत्र, पूर्व CM दिग्विजय सिंह का बड़ा दावा

देवास के मां चामुंडा टेकरी मंदिर में भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला पर आधी रात शराब के नशे में हंगामा, पुजारी से मारपीट और धमकी देने के आरोप लगे हैं।

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मध्यप्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। देवास की प्रसिद्ध मां चामुंडा टेकरी मंदिर में शुक्रवार रात हुए हंगामे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं।

दिग्विजय सिंह ने इंदौर में मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक रुद्राक्ष शुक्ला शराब के नशे में मंदिर पहुंचे थे। रात करीब साढ़े बारह बजे जब मंदिर बंद हो चुका था, तब उन्होंने जबरन पट खुलवाए। पुजारी द्वारा मना करने पर मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी भी दी गई।

प्रशासन पर दबाव, पुजारी को धमकाया गया

रुद्राक्ष शुक्ला लगभग दर्जन भर हूटर वाली गाड़ियों के काफिले के साथ टेकरी पहुंचे। मंदिर बंद हो चुका था लेकिन उन्होंने ताला खुलवाया और गाड़ियों को ऊपर ले जाने की जिद की। इसके बाद उन्होंने पुजारी उपदेश नाथ से पट खोलने की मांग की, मना करने पर गाली-गलौज, मारपीट और यहां तक कि जान से मारने की धमकी दी गई।

बताया जा रहा है कि रुद्राक्ष ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए SDM को आधी रात फोन पर उठवाया और पट खुलवाने का आदेश दिलवाया। SDM के पीए ने पुजारी उपदेश नाथ से कहा कि “पट खोल दीजिए, विधायक जी के सुपुत्र आए हुए हैं।” पुजारी द्वारा इंकार करने पर उन्हें अपशब्द कहे गए और धमकाया गया कि “जानते नहीं हम कौन हैं, इंदौर से आए हैं, उठा ले जाएंगे।”

कांग्रेस का हमला तेज, संत समाज भी नाराज़

इस घटना पर कांग्रेस ने जमकर हमला बोला है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह भाजपा सरकार का धर्म के प्रति असली सम्मान है — जहां सत्ता के लोग धर्मस्थलों को भी नहीं छोड़ते। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि “सनातनी विधायक ने अपने बेटे को ऐसे ही संस्कार दिए हैं।” वहीं संत समाज भी इस हरकत से नाराज़ है और चेतावनी दे चुका है।

आरोपी को बचाने की कोशिश की

जब पुजारी ने थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, तो पहले उन्हें भगा दिया गया। बाद में विधायक पक्ष की ओर से फोन धमकियां भी मिलीं। मामला जब तूल पकड़ने लगा, तो पुलिस ने महज जीतू नामक व्यक्ति के खिलाफ मामूली केस दर्ज कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की।