
मध्य प्रदेश के रतलाम में शुक्रवार, 27 जून को RISE-2025 कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे औद्योगिक विकास, निवेश और रोजगार सृजन की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया है। रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट (RISE-2025) कॉन्क्लेव निवेश, कौशल विकास और हितग्राही केंद्रित योजनाओं के समावेशी मॉडल को मूर्त रूप देगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री औद्योगिक परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन, ऋण वितरण, एमओयू हस्ताक्षर, रोजगार मेले की शुरुआत तथा हितग्राहियों से संवाद करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जानकारी दी कि RISE-2025 कॉन्क्लेव के दौरान रतलाम और आसपास के क्षेत्रों में 858.57 करोड़ रुपये की लागत वाली 18 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया जाएगा। इन परियोजनाओं से लगभग 3 हजार युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। कार्यक्रम के दौरान 27 नई औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन और आशय पत्र भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे रतलाम एवं मालवा अंचल में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और औद्योगिक वातावरण सशक्त होगा।

वॉलमार्ट और ओएनडीसी में साझेदारी
कॉन्क्लेव के दौरान वॉलमार्ट, ओएनडीसी और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य प्रदेश में वैश्विक स्तर का स्किलिंग मॉडल स्थापित करना है। इन समझौता ज्ञापनों के माध्यम से युवाओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार और उद्यमिता के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
कॉन्क्लेव को रीवा, सागर, अलीराजपुर और पीथमपुर से वर्चुअल माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिससे RISE अभियान को राज्यव्यापी विस्तार मिलेगा और जिला स्तर पर औद्योगिक गतिविधियों को नया प्रोत्साहन प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस अवसर पर निवाड़ी, आगर-मालवा और रायसेन जिलों में 4.22 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र (DTIC) कार्यालयों का लोकार्पण भी करेंगे।
स्टार्टअप और स्वरोजगार की नई राहें
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रधानमंत्री स्वनिधि, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, स्टैंडअप इंडिया और अन्य स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को 2,419 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण राशि वितरित करेंगे। इस पहल से दो लाख से अधिक हितग्राहियों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त होगा।
डॉ. यादव खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की राज्य क्लस्टर विकास योजना के अंतर्गत प्रस्तावित पांच इकाइयों का भूमिपूजन करेंगे। ये इकाइयां स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक शिल्प कौशल को औद्योगिक ढांचे से जोड़ने में सहायक होंगी, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। कार्यक्रम के दौरान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से 2.96 करोड़ रुपये की राशि सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी।