बारिश करीब, भोपाल बेखबर, मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद अब तक नहीं बना कंट्रोल रूम

भोपाल में प्री-मानसून की बारिश शुरू हो चुकी है और मानसून जल्द आने की संभावना है, लेकिन नगर निगम बाढ़ नियंत्रण की तैयारी में अभी तक पीछे है। तेज बारिश से सड़कों पर पानी जम रहा है, जबकि बारिश से पहले होने वाली बैठकों और नियंत्रण कक्ष की स्थापना अभी तक नहीं हुई है।

Abhishek Singh
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राजधानी भोपाल में प्री-मानसून की बारिश की शुरुआत हो चुकी है और मौसम विभाग ने जल्द ही मानसून पहुंचने की संभावना जताई है। इसके बावजूद भोपाल नगर निगम अब तक बाढ़ नियंत्रण की तैयारियां पूरी नहीं कर पाया है। महज 20 मिनट की तेज बारिश से सड़कों पर पानी घंटों तक जमा रह रहा है। आमतौर पर बारिश से पहले नगर निगम की बैठक आयोजित की जाती है और बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाती है, लेकिन इस बार ये दोनों प्रक्रियाएं अब तक नहीं हो पाई हैं।

सीजन की शुरुआत के साथ ही दुर्घटनाएं दर्ज

मई की शुरुआत से अब तक प्री-मानसून की बारिश और तेज़ आंधी के चलते शहर में कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। कहीं पेड़ गिरे तो कहीं होर्डिंग और ट्रैफिक सिग्नल हादसों का कारण बने। 4 मई को कोकता ट्रांसपोर्ट नगर में एक गेट्री गिरने की घटना हुई, जबकि 20 मई को निवेश नगर में एक होर्डिंग गिरा। उसी दिन एमपी नगर स्थित ज्योति टॉकीज के सामने ट्रैफिक सिग्नल भी तेज़ हवाओं में गिर चुका है।

प्री-मानसून बारिश ने बढ़ाई मुसीबतें

दरअसल, मई की शुरुआत से ही भोपाल में प्री-मानसून गतिविधियां सक्रिय हो चुकी थीं। 20 मई को शहर में इस सीजन की सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। बारिश के साथ आई तेज़ आंधी के चलते कई क्षेत्रों में पेड़ उखड़ गए और होर्डिंग खतरनाक तरीके से लटक गए। 27 मई को हालात और भी ज्यादा बिगड़ गए, लेकिन इसके बावजूद नगर निगम अब तक इन चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं दिख रहा है। बरसात को ध्यान में रखते हुए प्रभावी कदम अब तक नहीं उठाए गए हैं।

प्रधानमंत्री के दौरे के बाद शुरू होगी बाढ़ कंट्रोल रूम की तैयारी

बीएमसी के अग्निशमन और आपदा प्रबंधन अधिकारी सौरभ पटेल ने जानकारी दी कि मानसून के अपेक्षाकृत पहले सक्रिय हो जाने के कारण बाढ़ से बचाव की कुछ तैयारियां अधूरी रह गई हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि भोपाल कलेक्टर के निर्देश मिलते ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

पहले होता था ऐसा इंतजाम

शहर में तेज बारिश या बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर नगर निगम का फायर कंट्रोल रूम बाढ़ नियंत्रण कक्ष के रूप में काम करता है। यहां आम नागरिक मदद के लिए कॉल सेंटर पर संपर्क कर सकते हैं। बेसमेंट में जलभराव से निपटने के लिए 20 पंप उपलब्ध हैं, जिनकी क्षमता 5 एचपी से 10 एचपी तक है। इसके अलावा, 50 लाइफ जैकेट, 50 लाइट ट्यूब, 200 फीट रस्सी और एक मोटर बोट 24 घंटे के लिए रिजर्व रखी जाती है, ताकि आपात स्थिति में तुरंत राहत टीम को भेजा जा सके। फिर भी, ये संसाधन शहर की बढ़ती आबादी के हिसाब से पर्याप्त नहीं माने जाते हैं।