राहुल गांधी का विवादित कदम, जूते पहनकर दी इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि, तो भाजपा ने उठा दिए संस्कारों पर सवाल

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By Abhishek SinghPublished On: June 3, 2025

भोपाल में मंगलवार को कांग्रेस के ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत के लिए पहुंचे लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक नई राजनीतिक बहस का केंद्र बन गए हैं। कांग्रेस कार्यालय पहुंचने पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री और अपनी दादी इंदिरा गांधी की तस्वीर पर जूते पहनकर पुष्प अर्पित किए। इसका वीडियो सामने आते ही भाजपा ने उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया।

राहुल गांधी के साथ मौजूद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी जूते पहने हुए ही कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगी इंदिरा गांधी की तस्वीर पर पुष्प चढ़ाए। वहीं दूसरी ओर, वरिष्ठ नेताओं जीतू पटवारी और केसी वेणुगोपाल ने परंपरा के अनुरूप जूते उतारकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

सीएम मोहन यादव का बयान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पर कड़ा प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी उनकी दादी थीं, ऐसे में जूते पहनकर उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि देना हमारे सांस्कृतिक मूल्यों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को ऐसी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा ने अपने कार्य, संस्कार और सेवा भावना से जनता का विश्वास जीता है, यही वजह है कि मध्य प्रदेश भाजपा का मजबूत गढ़ बन चुका है और पार्टी लगातार प्रगति कर रही है।

भारतीय नहीं, इटली की संस्कृति

इधर, इस घटना को लेकर मंत्री विश्वास सारंग ने भी राहुल गांधी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी ही दादी स्वर्गीय इंदिरा गांधी का अपमान किया है, जो भारतीय संस्कृति के विरुद्ध है। सारंग ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह आचरण भारतीय नहीं, बल्कि इटली की संस्कृति को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी संगठन सृजन की बात करने भोपाल केवल एक राजनीतिक पर्यटन के तहत आए हैं, लेकिन उन्होंने यहां मर्यादाओं का ध्यान नहीं रखा।

प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बजाए फेंक दिए – मंत्री सारंग

मंत्री ने आगे कहा कि भारत की परंपरा रही है कि हम किसी भी महापुरुष को श्रद्धांजलि देते समय जूते नहीं पहनते, लेकिन राहुल गांधी ने न केवल इस परंपरा का उल्लंघन किया, बल्कि पुष्पांजलि की बजाय मानो फूल फेंक दिए। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी अभी तक भारतीय संस्कारों को समझ नहीं पाए हैं। सारंग ने मांग की कि भोपाल छोड़ने से पहले उन्हें अपने इस व्यवहार के लिए सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करनी चाहिए।