मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल हाट में “स्वदेशी मेला–स्वदेशी व्यंजनों के संग” का उद्घाटन किया। यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शुरू हुए सेवा पखवाड़े का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा देना और ग्रामीण स्व-सहायता समूहों की आजीविका को सशक्त बनाना है। मेले में 40 स्व-सहायता समूह भाग ले रहे हैं, जिससे करीब 3,600 परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।
इस मंच के माध्यम से गांवों में तैयार वस्तुएं शहरी उपभोक्ताओं तक पहुँचाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि त्योहारी मौसम में इस मेले का विशेष महत्व है और भोपालवासी यहां स्वदेशी उत्पादों की आत्मीयता महसूस कर सकेंगे। चार दिन तक चलने वाला यह मेला सिर्फ त्योहारों की खरीदारी के लिए ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मध्यप्रदेश की एक अहम पहल भी है।
परंपरागत श्रद्धा और उत्साह के साथ होगी शस्त्र पूजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार पूरे प्रदेश में दशहरे पर शस्त्र पूजन बड़े उत्साह और धूमधाम से आयोजित होगा। आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने से यह अवसर और भी विशेष बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत स्वदेशी की भावना और सनातन संस्कृति के साथ विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक, देश ने वैश्विक स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है।
सीएम ने पानी-पुरी का लिया स्वाद
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और विक्रेताओं से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने वॉटर बॉटल बैग भी खरीदे। साथ ही, भोजपुर की बहनों द्वारा संचालित चाट स्टॉल पर पानी-पुरी का स्वाद चखकर सभी का उत्साह बढ़ाया।
दिल्ली हाट की तर्ज पर सजेगा स्वदेशी मेला
पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, तब उसमें स्व-सहायता समूहों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने भोपाल हाट को दिल्ली हाट की तर्ज पर विकसित करने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीं। विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि दीपावली, दशहरा और नवरात्र जैसे बड़े त्योहार निकट हैं, ऐसे में विदेशी उत्पादों पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है। मेले में ग्रामीण महिलाओं और बेटियों द्वारा निर्मित एलईडी भी उपलब्ध है। उन्होंने भोपालवासियों से स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की।