सरकारी अस्पताल में कराई डिलेवरी तो एक भी रूपया खर्च नहीं हुआ

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By Akanksha JainPublished On: October 27, 2021

उज्जैन ग्राम रोहलकला(rohalkala) तहसील नागदा जिला उज्जैन(Ujjain) के रहने वाले कृष्णलाल की पत्नि सोना को गर्भधारण किये लगभग नो माह पूर्ण हो चुके थे। प्रसूति का समय निकट आने पर कृष्णलाल अपनी पत्नि सोना को प्रसूति हेतु सिविल अस्पताल नागदा ले गये जहां चिकित्सकों द्वारा सामान्य प्रसव कराने की कोशिश की मगर सामान्य प्रसव न होने के कारण चिकित्सकों द्वारा सोना को मातृ एवं शिशु चिकित्सालय चरक भवन, उज्जैन रैफर कर दिया गया।


रैफर होने के पश्चात 9 अक्टूबर को सोना को चरक भवन मे भर्ती किया गया एवं पूर्ण निगरानी कर उपचार प्रारंभ किया गया एवं सामान्य प्रसव का प्रयास किया गया। मगर सोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ.अनिता जोशी एवं चिकित्सकीय दल ने सोना का 10 अक्टूबर को सीजेरियन ऑपरेशन कर प्रसव सम्पादित करवाया, जिसमें सोना ने स्वस्थ्य शिशु को जन्म दिया। प्रसव के पश्चात सोना और उसका शिशु पूर्ण स्वस्थ्य है। सोना को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया है।

यदि प्रायवेट अस्पताल में सीजेरियन ऑपरेशन द्वारा डिलेवरी कराई जाती तो 40-50 हजार रूपये खर्च होता जो मातृ एवं शिशु चिकित्सालय मे निःशुल्क संभव हो सका। सीजेरियन ऑपरेशन, ब्लड ट्रान्सफ्यूजन व समस्त प्रकार की सेवाएं सोना को निःशुल्क उपलब्ध कराई गई, जिस पर सोना के पति व सास ससुर द्वारा शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही निःशुल्क सेवाओं के बारे मे आभार व्यक्त कर रहे है।

उल्लेखनीय है कि मातृ एवं शिशु मृत्युदर को नियंत्रित रखने के लिये सरकार द्वारा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये जननी सुरक्षा योजना चलाई जा रही है। इस योजना अंतर्गत गर्भवती माता द्वारा अस्पताल में प्रसव कराये जाने पर ग्रामीण माता को प्रोत्साहन राशि 1400/- प्रेरक को राशि रुपये 600/- तथा शहरी माता को प्रोत्साहन राशि 1000/- प्रेरक को रुपये 400/- दी जाती है। ए.पी.एल, बी.पी.एल. का कोई प्रावधान नहीं है।

साथ ही जननी शिशु सुरक्षा योजना का भी संचालन किया जा रहा है, इस योजना अंतर्गत शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं मे निःशुल्क परिवहन द्वारा गर्भवती का प्रसव हेतु भर्ती किया जाता है। सामान्य प्रसव, सिजेरियन ऑपरेशन सहित सभी प्रकार की जांचे, औषधियां, भोजन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन सहित समस्त सेवाएं निःशुल्क प्रदान की जाती है।